अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा के धौलछीना के विमलकोट में मां भगवती मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा का सर्व कल्याण की कामना के साथ समापन हो गया है।
नौ दिवसीय भागवत कथा का समापन
नौ दिवसीय भागवत कथा के अंतिम दिन रविवार को भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। इससे पूर्व यजमानों ने हवन यज्ञ में पुर्णाहुति डाली तथा क्षेत्र की सुख शांति की प्रार्थना की। कथा व्यास पंडित मनोज पांडे ने 9 दिनों तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद् देवी भागवत कथा की महिमा बताई। उन्होंने कहा कि हवन यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है तथा धार्मिक भावनाएं जागृत होती है।
बड़ी संख्या में पंहुचे श्रद्धालु
कथावाचक पंडित मनोज पांडे ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षरों से मिलकर बना है। पहले प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम प्रसाद कहते हैं। प्रसाद का अपमान करने से भगवान का अपमान होता है। कथा समापन के दिन रविवार को पंडितों ने विधि विधान से पूजा अर्चना कराई। दोपहर तक हवन और भंडारा कराया गया। जिसमें यजमान आनंद सिंह रावत तथा उनके परिवार द्वारा पुर्णाहुति डाली गई। दोपहर बाद भंडारा लगाकर प्रसाद वितरण किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।