जिलेभर के सरकारी विद्यालयों में अध्यननरत हर विद्यार्थियों के पास निशुल्क किताबें उपलब्ध हो सकेंगी। शिक्षा विभाग की ओर से किताबों के लिए अभिभावकों के खाते में भेजी जाने वाली धनराशि में रोक लगाते हुए सीधे स्कूल में ही विद्यार्थियों को किताबें उपलब्ध कराने की पहल शुरू की है। इसी माह अप्रैल तक सभी विद्यार्थियों को किताबें उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
पहले अभिभावकों के खातों में डाली जाती थी मुफ्त किताबों की धनराशि:
पूर्व में शिक्षा विभाग की ओर से पूर्व में किताबों के लिए अभिभावकों के खाते में रुपये भेजे जाते थे। इसके लिए विभाग की ओर से कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थी के अभिभावकों को 250 रुपये और कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यार्थियों के अभिभावकों को 400 रुपये तय थे। किताबों के लिए रुपये मिलने के बावजूद शिकायतें आने लगी कि कई अभिभावक किताबें न खरीदकर उन रुपये का अन्य कार्यों में प्रयोग कर रहे है।
विद्यार्थी को किताबें उपलब्ध कराने की पहल शुरू कर दी:
लगातार आती शिकायतों को देखते हुए विभाग ने अब खातों में रुपये भेजने की बजाय स्कूल में ही हर विद्यार्थी को किताबें उपलब्ध कराने की पहल शुरू कर दी है।
9 और 12 वीं के छात्रों को मिलेगी मुफ्त किताबें:
पहली बार 9वीं और 12 वीं के छात्रों को मिलेगी मुफ्त किताबें। शिक्षा विभाग की ओर से पूर्व में कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों को निशुल्क किताबें उपलब्ध कराई जाती थी।
सभी छात्रों को निःशुल्क किताबें उपलब्ध होंगी:
पहली बार अब 9 वीं और 12 वीं तक के सभी छात्रों को भी विभाग निशुल्क किताबें उपलब्ध करायेगा। पहली बार इन छात्रों को शामिल किया गया है।