अल्मोड़ा: चित्रकला विभागाध्यक्ष के रूप में प्रोफेसर शेखर चन्द्र जोशी ने कार्यभार किया ग्रहण , विश्वविद्यालय में हर्ष


सोबन सिंह जीना परिसर,अल्मोड़ा के दृश्यकला संकाय/चित्रकला विभाग में विभागाध्यक्ष के रूप में प्रोफेसर शेखर जोशी ने   कार्यभार ग्रहण कर लिया है। प्रो० जोशी के विभागाध्यक्ष बनने पर कला प्रेमियों एवं शिक्षकों में हर्ष का माहौल है ।

कला मर्मज्ञों, परिसर के शिक्षकों ने दी बधाइयां

प्रो० जोशी प्रतिष्ठित कोरिया फाउंडेशन, सियोल के अंतराष्ट्रीय फ़ेलोशिप (1992) प्राप्तकर्ता हैं। उन्होने डी लिट् किया है।  कलाकार के रूप में राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी के विशेषज्ञ रूप में भागीदारी कर चुके हैं। उनके द्वारा बनाये गए नाखूनों से निर्मित चित्र शैली को देश-विदेश में सराहना मिली है। इसके अलावा वे गद्दीदार सिक्कों के प्रयोग कागज और कैनवास पर चित्र बनाने  हैं। उनके द्वारा 14 पुस्तकें लिखी गयी हैं। दो दर्जन से अधिक शोधार्थियों का शोध निर्देशन किया है। वे कई संगठनों, निकायों के सलाहकार, सदस्य, विशेषज्ञ आदि के रूप में उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे हैं।  प्रो० जोशी के विभागाध्यक्ष बनने पर कला मर्मज्ञों, परिसर के शिक्षकों ने उन्हें बधाइयाँ दी है।

डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम के कर कमलों से प्राप्त की डी०लिट ० डिग्री

अल्मोड़ा में जन्मे (1961) प्रोफेसर शेखर चन्द्र जोशी प्रतिष्ठित कोरिया फाउंडेशन, सियोल के अंतर्राष्ट्रीय फैलोशिप- (1992) प्राप्तकर्ता है। उन्होंने कुमाऊँ विश्वविद्यालय की उच्चतम डी०लिट ० डिग्री (2011) डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम के कर कमलों से प्राप्त की । चित्रकला विषय के अंतर्गत रागमाला पेंटिंग्स में डी० फिल० / पी-एचडी की डिग्री (1991) गढ़वाल विश्वविद्यालय से ही स्नातकोत्तर में प्रथम स्थान के साथ स्वर्ण पदक प्राप्त कला एवं शिल्प कॉलेज लखनऊ विश्वविद्यालय से आर्ट मास्टर (एएमटी) (1980) की उपाधियाँ प्राप्त की।

नखक्षत के रूप में अभिनय और अनूठी शैली के लिए प्रसिद्ध है प्रो ०जोशी

प्रो०शेखर जोशी उच्च कद और क्षमता के एक अभ्यास कलाकार और एक कला पारखी दोनों है उनके चित्रों को नखक्षत के रूप में अभिनय और अनूठी शैली के लिए जाना जाता है । जो कि कलम, पेंसिल, ब्रश, रंग के बिना ही उनके नाखूनों द्वारा अंकित की जाती है। इसके अतिरिक्त ये इसे रंग के (स्वथ गद्दीदार सिक्कों के उपयोग से कागज तथा कैनवास पर भी चित्रित करते है जनजीवन संगीत व समाज आदि पर आधारित उनके कई प्रमुख चित्र है, उत्तराखंड का संघर्ष तैल चित्र ललित कला अकादमी नई दिल्ली द्वारा क्रय किया गया है। प्रो ०जोशी ने कई शो (एकल-12, समूह और आमंत्रित शो 50 से अधिक) किये है जिनमें फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया, कनाडा आदि भारत सहित विदेशों में उनके कार्यों का प्रदर्शन और संग्रह भी किया गया है उन्हें वैश्विक उत्कृष्ट शांति कार्यकर्ता पुरस्कार, अग्निपथ कला रत्न सम्मान, उत्तरांचल कला सम्मान, मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला के पुरस्कार और स्नेहिल आदि द्वारा भी सम्मानित किया गया है वे रेडियो और टेलीविजन पर भी प्रदर्शन करते रहे हैं।

प्रो० जोशी ने 14 पुस्तकें (लेखन संपादित-8) प्रकाशित की

प्रो० जोशी ने 14 पुस्तकें (लेखन संपादित-8) प्रकाशित की है। किताबों के शीर्षक आर्ट एंड कम्युनिकेशन ऑफ इंडिया, हिस्टोरिकल फाइन आर्ट्स एंड एसियन कल्चर, विजुअल आर्ट्स एंड रिसर्व मैथेडोलॉजी ट्राइबल आर्ट्स एंड क्राफ्ट ऑफ उत्तराखंड, सेवा से सूजन, आधुनिक चित्रकला का इतिहास, कला के सिद्धान्त और चित्रकला के रंग, कोरिया की कला चित्रकला और लोककला विविध आयाम आदि के साथ-साथ रागों की कल्पना हार्ड होली और विरासत पर समीक्षाएं एवं मोनोग्राफ आदि है। यह इंटरनेशनल जर्नल ऑफ विजुअल आर्ट्स स्टडीज एंड कम्यूनिकेशन के संपादक हैं। उन्होंने यूजीसी, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली की कई शोध परियोजनाएं की हैं ये दो दर्जन से अधिक पी पीएचडी शोधार्थियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं जिनमें से पंद्रह को डिग्री प्रदान की जा चुकी हैं। प्रो० जोशी पेशेवर निकायों, संगठनों के सलाहकार, विशेषज्ञ सदस्य आदि के रूप में सलाहकार एनसीईआरटी, नई दिल्ली पर्यवेक्षक यूजीसी नेट, नैक-पीयर कमेटी मैम्बर, विशेष यूजीसी के ऑनलाइन पाठ्यक्रम ई-सामग्री, आईआईटी, एनसीटीई यूएसईटी, एनबीएस, यूपीएससी, यूपीएससी, यूपीएसई विभिन्न केंद्रीय / राज्य विश्वविद्यालयों के ईसी तथा एसी सदस्य बीओएसआरडीसी और संकाय बोर्ड के सदस्य के अतिरिक्त बॉम्बे आर्ट सोसाइटी, ओरिएंटल आर्ट सोसाइटी कोलकाता, आदि के आजीवन सदस्य है।

30 से अधिक वर्षों का व्यापक शिक्षण, 10 साल से भी अधिक विभिन्न पदो पर कार्य करने का प्रशासनिक अनुभव

प्रो० जोशी ने भारत में कई अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों / कार्यशालाओं / प्रदर्शनियों का आयोजन किया और रैमिट विश्वविद्यालय ऑस्टेलिया, वियना विश्वविद्यालय ऑस्ट्रिया, टोरंटो विश्वविद्यालय कनाडा केपटाउन विश्वविद्यालय दक्षिण अफ्रीका और राष्ट्रीय पॉलिटेक्निक डोई औरेन संस्थान नैन्सी फ्रांस, आदि में वहाँ भी प्रतिभाग एवं प्रस्तुतिकरण में भाग लिया। प्रो० जोशी के पास 30 से अधिक वर्षों का व्यापक शिक्षण तथा अनुसंधान अनुभव के साथ 10 साल से भी अधिक विभिन्न पदो पर कार्य करने का प्रशासनिक अनुभव है। ये कुमाऊँ विश्वविद्यालय में डीन (विजुअल आर्ट), विभागाध्यक्ष (ड्रग और पेंटिंग) प्रॉक्टर प्रोग्राम ऑफिसर एनएसएस आदि पदों पर कार्यरत रहे। उन्होंने असम (केन्द्रिय) विश्वविद्यालय, सिल्वर में ललित कला में रीडर के रूप में काम किया।

विश्वविद्यालय में हर्ष

वर्तमान में वह उत्तराखंड भारत के सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, कैम्पस अल्मोडा में प्रोफेसर ) विभागाध्यक्ष (ड्राइंग और पेंटिंग) और समन्वयक (नई शिक्षा नीति) के पद पर कार्यरत हैं।सोबन सिंह जीना परिसर,अल्मोड़ा के दृश्यकला संकाय/चित्रकला विभाग में विभागाध्यक्ष के रूप में उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। प्रो० जोशी के विभागाध्यक्ष बनने पर कला प्रेमियों एवं शिक्षकों में हर्ष का माहौल है ।