अल्मोड़ा: “तेरी तौलि, त्यारा मुख में रौलि” वाली कहावत को चरितार्थ कर रही दुग्ध उत्पादकों को मिलने वाली राहत, दूसरे रास्ते से हो रही वसूली

आज जारी एक बयान में दुग्ध संघ अल्मोड़ा की प्रबंध कमेटी के पूर्व सदस्य ब्रह्मा नन्द डालाकोटी, जिलापंचायत सदस्य शिवराज बनौला, दुग्ध विकास संगठन के अध्यक्ष आनंद सिंह बिष्ट ने कहा  कि वे 11 अप्रैल को आहुत दुग्ध संघ की सामान्य निकाय की बैठक के एक सूत्रीय एजेंडे को देख के भौंचक्का हैं ।जिस बैठक में दुग्ध संघ , दुग्ध समितियों व दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं के समाधान पर चर्चा और निर्णय लिये जाने थे उस में दुग्ध संघ के इतिहास में पहली बार प्रबंध कमेटी की अनियमितताओं पर चर्चा और निर्णय होगा जो कि एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण विषय है ।ऐसी स्थिति में आरोपित प्रबंध कमेटी ने नैतिकता के आधार पर स्वयं ही इस्तीफा दे देना चाहिए।

दुग्ध संघ अल्मोड़ा दुग्ध सहकारिता का नहीं राजनीति और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है

दुग्ध उत्पादक प्रतिनिधियों ने कहा कि दुग्ध संघ अल्मोड़ा दुग्ध सहकारिता का नहीं राजनीति और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है जहां राजनैतिक दल अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षाएं व आर्थिक हित साधने के लिए  घमासान कर रहे हैं । वहीं सरकार व दुग्ध प्रशासन दुग्ध उत्पादकों के साथ तेरी तौलि त्यारा मुख में रौलि वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए जो राहत दुग्ध उत्पादकों को दे रहे हैं वह दूसरे रास्ते वसूल भी रहे हैं बहुत जिद्दो जहद के बाद विगत दो माह में जहां दुग्ध संघ अल्मोड़ा ने उत्पादकों को दिये जाने वाले मूल्य में दो रूपये की वृद्धि की। वहीं दुग्ध उत्पादों के बिक्री मूल्य में उससे कहीं अधिक वृद्धि कर दी, दुग्ध उत्पादकों को पशु आहार अनुदान विगत कुछ माह से 600 रूपये प्रति कुंतल दिया जा रहा था उसके मूल्य में भी 550 रूपये कुंतल वृद्धि कर उत्पादकों से ही वसूली कर ली है।

पशु चिकित्सा अनुदान बंद होने से दुग्ध उत्पादक बाजार से महंगी दवा खरीदने को मजबूर

पशु चिकित्सा अनुदान बंद होने से दुग्ध उत्पादक बाजार से महंगी दवा खरीदने को मजबूर हैं।लंबी बिमारी से पशुओं की मृत्युदर भले ही कम रही हो पर बिमारी से उबरे पशुओं में दूध की मात्रा बहुत कम हो गयी है तथा  प्रभावित हो गयी है जिसका कोई उपचार न दुग्ध संघ के पास है न पशुपालन विभाग के पास,एन. सी .डी .सी योजना में दुधारू पशु खरीदने के लिए सरकार ने अनुदान 75%तथा 50% तो कर दिया, लेकिन यूनिट संख्या कम हो जाने से उसका सीमित लोग ही लाभ ले पायेंगे।

अपनी लंबित मांगों के लिए आन्दोलन के लिए आगे आने की अपील

दुग्ध उत्पादकों की दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन राशि में वृद्धि, सचिव मानदेय बढ़ाने,हेड लोड में वृद्धि जैसी मांगों पर सरकार द्वारा अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है इसलिए दुग्ध उत्पादक प्रतिनिधियों ने 11 अप्रैल को दुग्ध संघ अल्मोड़ा की सामान्य निकाय की बैठक में भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर अपनी बात रखने की समिति प्रतिनिधियों से अपील की है वहीं अपनी लंबित मांगों के लिए आन्दोलन के लिए भी आगे आने की अपील की है।