आजादी का अमृत महोत्सव, नमामि गंगे, विवेकानन्द शोध एवं अध्ययन केंद्र, यू कॉस्ट, जी 20 और अर्थ गङ्गा : संस्कृति, विरासत एवं पर्यटन के अंतर्गत 16 से 18 अप्रैल तक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन कई शोध छात्रों ने योग विज्ञान, आसनों का प्रभाव, अवसाद, योग परंपरा, योग दर्शन, रजोनिवृत्ति, वैदिक आहार,कोविड-19 से उपजती चुनौती, सूर्यनेति का साईनेस, ध्यान, मुद्राओं का एकाग्रता, ऑक्यूप्रेसर, अष्टांग योग, तत्व ज्ञान, तनाव, ध्यान, औषधीय पौधे एवं योग, त्राटक अभ्यास, सामाजिक एवं आर्थिक विकास में योग का प्रभाव विषयों पर शोध पत्रों का वचन किया गया।
अलग- अलग सत्रों में व्याख्यान दिया
दूसरे दिन संचालित किए गए अलग- अलग सत्रों में प्रो. विकास रावत (विभागाध्यक्ष, स्वामी विवेकानन्द योग अनुसंधान,संस्थान, बैंगलौर), प्रो. इला साह (अधिष्ठाता छात्र कल्याण , सोबन सिंह जीना परिसर,अल्मोड़ा), प्रोफेसर कंचन जोशी (योग विज्ञान विभाग गुरु राम राय विश्वविद्यालय देहरादून), डॉ. विनोद नौटियाल (पूर्व विभागाध्यक्ष योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल), प्रोफ़ेसर एस. ए. हामिद ( पूर्व संकायाध्यक्ष, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय), डॉक्टर रजनी नौटियाल (योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल), प्रोफेसर जी.डी. शर्मा (पूर्व विभागाध्यक्ष योग अध्ययन विभाग हिमाचल प्रदेश) ने विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता की एवं डॉ. सुनीता सिंह (शिक्षा संकाय काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी), डॉक्टर नीरज शुक्ला (शिक्षा विभाग, राधे हरि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय काशीपुर), डॉ.धनी आर्य (विभागाध्यक्ष वनस्पति विज्ञान विभाग, डॉ. ममता पंत, डॉ. घनश्याम ठाकुर ( योग एवं नेचुरोपैथी विभाग हेमंती नंदन सेंट्रल यूनिवर्सिटी श्रीनगर गढ़वाल),डॉक्टर रमेश कुमार (योग विभाग, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली), डॉक्टर एन.के.श्रीधर (कुलसचिव, स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु) ने इन अलग अलग सत्रों में सह अध्यक्षता की। इसके साथ डॉक्टर बलवंत कुमार (वनस्पति विज्ञान विभाग), डॉ नंदन सिंह बिष्ट (भौतिकी विज्ञान विभाग),डॉ.हरीश जोशी ने सत्रों में बीज व्याख्यान दिया।
अपने शोध पत्रों का वाचन दिया
आज विभिन्न सत्रों में डॉक्टर तुषार भट्ट, रजनीश कुमार जोशी, दीपिका पुनेठा ,पुष्पा भट्ट,पूजा पांडे,इंद्र मोहन पंत,सपना, प्रियंका राणा,डॉक्टर सीमा चौहान, शालिनी सिंह,विजय शंकर यादव, डॉ. विमल चंद्र कांडपाल, जयंती चंद, चंदन सिंह लटवाल, चंदन सिंह बिष्ट, सीताराम, अर्चना कांडपाल, धूलिया, ललिता जाला,अजय सिंह, सुरभि चंद, भावना पांडे, कल्पना रावत, रजनीश कुमार गुप्ता,राजविंदर कौर, तेजपाल सिंह, दिव्या मित्तल,गिरीश सिंह अधिकारी, भावेश पांडे, कुमारी ज्योति,श्री संजीव त्यागी,डॉरिजवाना सिद्दीकी, निवेदिता भांजा,डॉ मनुहर आर्य,दीपा मेहरा,पारुल सैनी डॉ. जयप्रकाश कंसवाल,रश्मि पटेल, प्रोफ़ेसर साधना धनेरिया, प्रोफ़ेसर सोनी कुमारी,डॉक्टर लक्ष्मीनारायण जोशी, अरुण आदि ने अपने शोध पत्रों का वाचन दिया।
योग, आद्यात्म, संस्कृति को लेकर विद्वान कर रहे मंथन
कार्यक्रम संयोजक डॉ.नवीन भट्ट ने बताया कि सभी सत्र देश के विद्वानों के सानिध्य में संचालित हो रहे हैं । योग, आद्यात्म, संस्कृति को लेकर विद्वान मंथन कर रहे हैं। इन सेमिनारों के विभिन्न सत्रों में जो निष्कर्ष आएंगे, वो समाज को बेहतर बनाने के लिए कारगर सिद्ध होंगे। विभिन्न सत्रों में रजनीश जोशी, विद्या नेगी ने संयुक्त रूप से संचालन किया।
सैकड़ों विद्यार्थियों ने सहभागिता की
इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में टर्की, अमेरिका, अफ्रीका, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, भारत आदि देशों के योग प्रतिनिधियों के साथ योग साधकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों के साथ डॉ भानु प्रकाश जोशी, रजनीश जोशी, विश्वजीत वर्मा, गिरीश अधिकारी, लल्लन सिंह, हिमांशु परगाई, विद्या नेगी,हेमलता अवस्थी, प्रो. प्रतिमा वशिष्ठ, डॉ. ममता पंत, डॉ. भुवन चन्द्र, प्रो कंचन जोशी, डॉ. रमेश कौर, डॉ कमलेश शक्टा, डॉ. रवींद्र कुमार, डॉ.ललित जोशी, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. उदय सिंह, डॉ. योगेश मैनाली, डॉ. भानु प्रकाश जोशी,डॉ. विजय सिंह मेहता, डॉ. राजविन्दर कौर आदि सहित सैकड़ों विद्यार्थियों ने सहभागिता की।