अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है। अल्मोड़ा जिले के स्याल्दे तहसील का मुख्य बाजार इन दिनों आवारा जानवरो के रात्रि विश्राम का अड्डा बन गया है।
आवारा जानवरों से लोग परेशान
इससे मुख्य मोटर मार्ग स्याल्दे देघाट पर इतना गोबर हो गया है कि आये दिन छोटे वाहन रपट रहे है। साथ ही जान माल का खतरा बना हुआ है । ऐसे में मुख्य मोटर मार्ग जिस में सभी कार्यालय खण्ड शिक्षा ‘ जल संसथान ‘ डाक घर ‘ विकास खण्ड ‘तहसील ‘पशुपालन, सभी आवागमन का एकमात्र मार्ग है। वही उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के मुख्य द्वार पर निराश्रित पशु के गोबर से आमजनमास और स्कूल के बच्चों का आना जाना मुश्किल हो गया है। कहा कि आखिर निराश्रित पशुओ की संरक्षक और गौसदन की जिम्मेदारी किसकी होगी। स्याल्दे व्यापार मंडल के व्यापारियों ने इस संबंध में कई बार आवाज उठाई परन्तु समस्या का कोई हल नही निकला।
पत्र लिखकर उठाई मांग
इस संबंध में सुनील टम्टा अध्यक्ष उत्तराखंड जनकल्याण समिति ने बताया कि वह मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री महामाहिम राष्ट्रपति तक को पत्र लिख चूके है। यह पत्र ऑनलाइन ऑफलाइन लिखे। उसके बाद भी हो रही जनसमस्याओ की अनदेखी हो रहीं हैं। 2018 से गौसदन की मांग लंबित है।
रहें मौजूद
इस मौके पर हितेश बिष्ट सचिव व्यापार मंडल स्याल्दे, मनोज नेगी प्रधान पैठाना, डिगंबर रावत प्रधान जसपूर ‘ राजेंद्र नेगी राज्य आंदोलनकारी, प्रवीण रावत ग्राम प्रधान गाजर, विजय उनियाल BDC बसई, मदन सिंह, राकेश बिष्ट मौजूद रहें।