दिनांक 29/11/21 को पर्वतीय सस्ता गल्ला विक्रेता कल्याण समिति की बैठक नन्दादेवी मंदिर परिसर में सम्पन्न हुई। बैठक में इस बात पर रोष व्यक्त किया गया कि विभाग द्वारा लगातार ऑनलाइन खाद्यान्न विवरण का दबाव बनाकर विक्रेताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है जबकि सरकार द्वारा, बार-बार अनुरोध के बाद भी विक्रेताओं को नेट का खर्चा नहीं दिया जा रहा है। विक्रेताओं का कहना है कि यदि विक्रेताओं का इसी प्रकार उत्पीड़न गया तो इसे सहन नहीं किया जायेगा तथा संगठन को विभाग के विरुद्ध आन्दोलन करने को बाध्य होना होगा।
बिलों का नहीं हुआ भुगतान
बैठक में विक्रेताओं ने कहा कि शासन/प्रशासन द्वारा संगठन को अवगत कराया गया था कि विभिन्न योजनाओं के अर्न्तगत वितरित किये गये खाद्यान्न के बिलों का भुगतान एक सप्ताह में कर दिया जायेगा। लेकिन लम्बा समय बीत जाने के पश्चात भी विक्रेताओं के बिलों का भुगतान नहीं हुआ है। इससे विक्रेता अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं साथ ही संगठन की छवि भी शासन/प्रशासन के कारण धूमिल हो रही है। बैठक में सभी विक्रेताओं से अपील की गई कि जब तक शासन द्वारा विक्रेताओं का नेट खर्च स्वीकृत नहीं होता है कोई भी विक्रेता ऑनलाइन खाद्यान्न का वितरण न करें। इस दौरान समिति में शिकायत की गयी कि कुछ विक्रेताओं द्वारा संगठन के निर्देशों का पालन न करके ऑनलाइन खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है, जिसे सहन नहीं किया जायेगा तथा ऐसे विक्रेताओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। समिति द्वारा विभाग से सहयोग करने की अपील की गई। बैठक में सर्वसम्मती से सरकार से मांग की गयी की पर्वतीय क्षेत्र सभी विक्रेताओं का शीघ्र मानदेय स्वीकृत किया जाए। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस संबंध में शीघ्र एक ज्ञापन सचिव खाद्य उत्तराखण्ड शासन को प्रेषित किया जाए।
यह लोग रहे मौजूद
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष मनोज वर्मा, जिलाध्यक्ष रिक्खू साह, महासचिव केसर सिंह खनी, प्रदेश संयोजक अभय साह, नगर अध्यक्ष भूपाल सिंह परिहार, नारायण सिंह, विपिन तिवारी, दिनेश गोयल, दिनेश जोशी, भीमा पवार, देवेन्द्र सिंह चौहान, नरेन्द्रलाल साह, आनन्द सिंह, सुरेश सांगा, नन्दन सिंह आदि मौजूद रहे।