अल्मोड़ा: वनाग्नि की घटनाओं से निपटने के लिए वन विभाग के पास कर्मचारियों की भारी कमी

अल्मोड़ा के जंगलों में इन दिनों वनाग्नि की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में वन विभाग के सामने कम मानव संसाधन में जंगलों की आग पर काबू पाने की चुनौती है। अल्मोड़ा वन विभाग में स्वीकृत पदों की तुलना में कई पद खाली चल रहे हैं।

फायर सीजन शुरू होने से अब तक 43 वनाग्नि की घटनाएं आई सामने:

बीते फरवरी से फायर सीजन शुरू हो गया है और अल्मोड़ा वन प्रभाग कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। फरवरी से अब तक जंगलों में वनाग्नि के 43 से अधिक मामले सामने आ गये है,

कुल 73.10 हेक्टेयर वन संपदा राख, दो लाख से अधिक का नुकसान:

जिसमें 73.10 हेक्टेयर आग की भेंट चढ़ गए हैं। वन विभाग के पास स्टाफ और संसाधन के अभाव की वजह से जंगलों की आग धीरे-धीरे और विकराल होती जा रही है। यहां तक कि वन महकमे के पास आग बुझाने के संसाधनों की भारी कमी है। इसके चलते आग पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रहा है। वन विभाग के लाख दावे के बाद भी जंगलों में आग की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है।

जिलेभर में दो मास्टर कंट्रोल रूम समेत 139 क्रू फायर स्टेशन बनाए गए हैं:

139 क्रू स्टेशन किये हैं तैयार जंगलों में आगजनी से निपटने के लिए विभाग ने जिलेभर में दो मास्टर कंट्रोल रूम समेत 139 क्रू फायर स्टेशन बनाए गए हैं। दो हजार आग बुझाने वाले उपकरण हैं और 400 फायर वॉचर आग की घटनाओं की निगरानी कर रहे हैं। इस बार आग बुझाने के लिए ब्लोअर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इस सबके बावजूद जंगलों में आग की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

वन विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी:

वन विभाग में 179 फॉरेस्ट गार्ड के स्वीकृत है, लेकिन 105 फॉरेस्ट गार्ड की तैनाती है। वहीं 145 वन दरोगा के स्वीकृत पदों की तुलना में मात्र 61 पदों पर ही कर्मचारियों की तैनाती है।

आग की घटनाओं से निपटने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा- डीएफओ

महातिम यादव, डीएफओ वन प्रभाग अल्मोड़ा ने कहा कि वन विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी है। आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए वन पंचायतों का भी सहयोग लिया जा रहा है। आग की घटनाओं से निपटने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा।