अल्मोड़ा: तीन दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल का हुआ समापन, इस कार्यक्रम को साहित्यिक उन्नति के लिए बताया बेहद जरूरी

अल्मोड़ा से जुड़ी खबर सामने आई है‌। अल्मोड़ा में तीन दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया गया। जिसका बीते कल शनिवार को समापन हो गया है।

शनिवार को महोत्सव का समापन

ग्रीन हिल ट्रस्ट के तत्वाधान में अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे संस्करण का आयोजन किया गया। लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन मल्ला महल में किया गया। शनिवार को महोत्सव की शुरुआत संतराम और आनंदी देवी के लोक संगीत से हुई। कार्यक्रम में पहुंचे डीएम आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि साहित्यिक उन्नति के लिए इस तरह के कार्यक्रम होने जरूरी है। इस मौके पर शनिवार को अंतिम दिन हिमालयी क्षेत्र में बढ़ रही आपदा की घटनाओं पर विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की। विशेषज्ञों ने कहा कि हिमालय पर बाढ़, भूस्खलन आदि की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इसे रोकने के लिए सरकारों और आम जनमानस दोनों को प्रयास करने की जरूरत है। इसके बाद अस्कोट आरारोट यात्रा और इसके महत्व पर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही उजमा तल्हा अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म में पत्रकार जयंती रंगनाथन, प्रमोद जोशी और आशुतोष पंत को सम्मानित किया गया।‌ साथ ही लिटरेचर फेस्ट में शनिवार को डॉ. धाराबल्लभ पांडेय की पुस्तक भारत के शौर्य गीत का विमोचन किया गया।

रहें मौजूद

इस अवसर पर ग्रीन हिल ट्रस्ट की सचिव डॉ. वसुधा पंत, डॉ. भूपेंद्र सिंह वाल्दिया, मनमोहन चौधरी, विनोद तिवारी, जयमित्र बिष्ट, विनायक पंत, दीपा गुप्ता, प्रो. हामिद, मनोज गुप्ता, भूषण पांडे, डॉ. कपिल, रश्मि सेलवाल, हर्ष काफर, अनीता, प्रीती, पंकज, मयंक, सत्यम, हर्षिता, हर्षित, खुशी, मयंक, मोनिका, कविता, साक्षी, हिमानी, अंजलि, योगिता, किरण, वैभव, नक्षत्र, प्रियंका, सिमरन, वर्षा, रोहित, नवीन, भूपेंद्र, शुभम, अनिल, संजय, प्रांजल, तुषार, कुमकुम, श्रेया, अविरल, आदित्या, सुचालिता, नैना, कविता, भाविका, तृणजयता आदि लोग मौजूद रहे।