हिंदू धर्म में नवरात्रि को सनातन धर्म का सबसे पवित्र और ऊर्जादायक पर्व माना जाता है। सनातन हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष में चार नवरात्रि आती हैं जो माघ, चैत्र, आषाढ़, अश्विन (शारदीय नवरात्रि) मास में होती हैं। जिसमें से दो गुप्त और दो सार्वजनिक होती हैं। आषाढ़ माह में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।
आषाढ़ नवरात्रि को इसलिए कहा जाता है गुप्त नवरात्रि
आषाढ़ नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन नौ दिनों में तंत्र साधना करने वाले लोग माँ भगवती के दस महाविद्याओं की पूजा को सिद्ध करने के लिए उपासना करते हैं। इस दौरान प्रतिपदा से लेकर नवमी तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में साधक महाविद्याओं के लिए खास साधना करते हैं। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होंगी, फल उतना ही सुखदायी होगा। मान्यता है कि भक्त आषाढ़ नवरात्रि में गुप्त रूप से आदि शक्ति देवी दुर्गा की उपासना करते हैं उनके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है ।
जानें आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होगी। इसकी शुरुआत 18 जून यानी कल सुबह 10 बजकर 06 बजे से हो चुकी है और इस तिथि का समापन 19 जून यानी आज सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के व्रत 19 जून, सोमवार यानी आज से ही रखे जाएंगे। नौ दिन तक 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, और कमला देवी की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का समापन 28 जून 2023 को होगा।
इस तरह करें गुप्त नवरात्रि की पूजा
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की विधिवत पूजा-पाठ के साथ कलश स्थापना करने का भी महत्व है। कलश स्थापना के साथ सुबह और संध्या पूजा के समय दुर्गा चालीसा अथवा दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें। पूजा के दौरान माता को लोंग व बताशे का भोग चढ़ाना चाहिए। इसके साथ कलश स्थापना करते समय मां को लाल पुष्प और चुनरी भी अर्पित करें। इससे माता जल्दी प्रसन्न हो जाती है। और आपके ऊपर अपनी कृपा बनाए रखती है।
जानें घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
घटस्थापना मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 23 – सुबह 07 बजकर 27 (19 जून 2023, अवधि 02 घंटे 04 मिनट)
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 55 – दोपहर 12 बजकर 50 (19 जून 2023, अवधि 56 मिनट)
मिथुन लग्न प्रारम्भ – 19 जून 2023, 05:23
मिथुन लग्न समाप्त – 19 जून 2023, 07:27
गुप्त नवरात्रि में करने चाहिए ये खास उपाय
👉मां को लाल रंग काफी पसंद है । इस दौरान माँ को लाल रंग की चुनरी और श्रृंगार और लाल रंग का फूल अर्पित करें । पूरे नौ दिन अपना खान-पान और आहार सात्विक रखें। साथ ही रोज पूजा के दौरान मां दुर्गा को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें । ऐसा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है ।
👉अगर आप नौकरी व रोजगार में तरक्की पाना चाहते हैं, तो गुप्त नवरात्रि के दौरान रात में मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके अलावा नौ बताशे लें और प्रत्येक बताशे पर दो लौंग रखें। इन्हें मां दुर्गा को समर्पित कर दें।
👉धन-संपत्ति और समृद्धि के लिए भी गुप्त नवरात्रि के नौ दिन बेहद ही खास हैं। इस दौरान घर में चांदी या सोने का सिक्का खरीद कर लाने से बरकत आती है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
👉अगर आप या परिवार का सदस्य बीमारी से पीड़ित है, तो गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प अर्पित करें और साथ ही ‘ऊँ क्रीं कालिकायै नमः’ मंत्र का जप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से बीमारियों से जल्द ही राहत मिलती है।
👉अगर विवाह संबंधी समस्या आ रही हो तो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह संबंधी अड़चन को दूर करने के लिए मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं और इसके साथ ही उन्हें हर रात्रि लाल फूलों की माला चढ़ाएं। ऐसा करने से विवाह संबंधी समस्या का समाधान होता है।
👉गुप्त नवरात्रि के पहले दिन गाय के घी से बनी सफेद चीजों व मिठाइयों का भोग लगाना चाहिए। इस दिन मां के चरणों में गाय का घी अर्पित करने से घर में सुख-शांति व खुशहाली आती है।