बागेश्वर से जुड़ी खबर सामने आई है। बागेश्वर में जिलाधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में गुरुवार देर शाम जिला सहकारी विकास समिति की बैठक आयोजित हुई।
बैठक का आयोजन
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (एमपैक्स) को सशक्त बनाना और उनकी कार्यप्रणाली को आधुनिक तकनीक से जोड़कर किसानों को लाभान्वित करने को लेकर रहा। इस बैठक में एमपैक्सों के सशक्तिकरण से सम्बंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने सभी योजनाओं एवं कार्यक्रमों में 15 दिन के भीतर अपेक्षित प्रगति लाने के निर्देश जिला सहायक निबन्धक को दिए।
एमपैक्सों के कंप्यूटरीकरण की प्रक्रिया को तेजी से करें पूरा
जिलाधिकारी ने एमपैक्सों की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए कहा कि एमपैक्स ग्रामीण स्तर पर किसानों और आम नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है,जो उन्हें कृषि आदानों, ऋण सुविधाओं और विपणन सहायता जैसी विभिन्न सेवाएं प्रदान करती है। एमपैक्सों को सशक्त करके ही ग्रामीण विकास को गति दी जा सकती है। जिलाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि आज के डिजिटल युग में एमपैक्सों का कंप्यूटरीकरण अत्यंत आवश्यक है। इससे उनकी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी और वे अधिक कुशलता से काम कर सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि एमपैक्सों के कंप्यूटरीकरण की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करें और उन्हें आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान करें।
राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस पर सूचना अपडेट पर चर्चा
इसके अलावा राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस पर सूचना अपडेट करने के विषय पर भी विस्तार से चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि एमपैक्सों को राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस पर अपनी सूचना नियमित रूप से अपडेट करनी चाहिए। इससे एमपैक्सों के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध रहेगी और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में आसानी होगी।
बैठक में आच्छादित ग्राम पंचायतों में नए एमपैक्स/दुग्ध/मत्स्य समितियों की स्थापना पर भी विचार किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में अभी तक एमपैक्स या दुग्ध/मत्स्य समितियां नहीं हैं, वहां नई समितियां स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाया जाए। उन्होंने कहा कि इससे अधिक से अधिक किसानों और ग्रामीणों को सहकारी समितियों का लाभ मिल सकेगा।
योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश
अनाज भंडारण योजना पर चर्चा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में अनाज भंडारण क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अनाज भंडारण योजना के तहत नए गोदामों के निर्माण और पुराने गोदामों के नवीनीकरण के लिए प्रस्ताव तैयार करें। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र और प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी बैठक में की गई। जिलाधिकारी ने इन योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए ताकि आम नागरिकों और किसानों को इनका अधिक से अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र किसानों को कृषि आदानों और अन्य सुविधाओं तक पहुंच प्रदान कर रहे हैं।
पानी समितियों के गठन के विषय पर चर्चा
प्रधानमंत्री जन सुविधा केंद्र और एमपैक्सों द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत पानी समितियों के गठन के विषय पर भी बैठक में चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि एमपैक्स प्रधानमंत्री जन सुविधा केंद्र के रूप में कार्य कर सकते हैं और ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी सेवाओं तक पहुंच प्रदान कर सकते हैं। इसी प्रकार,जल जीवन मिशन के अंतर्गत पानी समितियों के गठन में भी एमपैक्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दिशा में आवश्यक कदम उठाएं।बैठक में पैक्स एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) के रूप में एमपैक्सों के विकास पर भी जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि एमपैक्सों को एफपीओ के रूप में विकसित करने से उन्हें विपणन और प्रसंस्करण जैसी गतिविधियों में मदद मिलेगी और वे अपनी आय बढ़ा सकेंगे।
रहें उपस्थित
इस बैठक में सीडीओ आरसी तिवारी, जिला पूर्ति अधिकारी मनोज बर्मन,जिला सहायक निबन्धक, सहायक निदेशक डेयरी,सीवीओ,सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।