बागेश्वर जिले से जुड़ी खबर सामने आई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गुंजन सिंह की अदालत ने धोखाधड़ी के आरोपी को दोषमुक्त किया है। गवाहों के बयानों में विरोधाभास के चलते न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपी को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया।
जानें पूरा मामला
वादी उरूज आलम पुत्र कमरूल हसन निवासी नुमाइशखेत बागेश्वर ने छह मई 2023 को कोतवाली में सुरेश कोरंगा नाम के युवक के खिलाफ तहरीर दी। बताया कि वादी की सरयू पुल के पास दुकान है और वह कैमरे भी किराए पर देता है। चार अप्रैल 2023 को वादी के पास से एक युवक ने कैमरा किराए पर लिया। उसने अपना नाम सुरेश कोरंगा बताया और 400 रुपए किराया देकर गया। कैमरा ले जाने वाले युवक ने बाकी 400 रुपए और कैमरा दूसरे दिन लौटाने की बात कही, लेकिन लौटकर नहीं आया।
आरोपी के खिलाफ धारा 406 के तहत दर्ज किया केस
पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ धारा 406 के तहत केस दर्ज किया। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने त्यूनरा गधेरे के पास ठंडी सड़क से बताए गए हुलिए के युवक को पकड़ा। आरोपी ने अपना नाम नीरज साह निवासी बेरीनाग बताया। आरोपी के पास से वादी का कैमरा भी बरामद किया गया। वादी ने कैमरे की शिनाख्त अपने कैमरे के रूप में की। आरोपी ने कबूल किया कि उसने सुरेश कोरंगा के छद्म नाम से कैमरा किराए पर लेकर धोखाधड़ी की है।
अभियोजन पक्ष की ओर से पांच गवाह कराए गए पेश
एसआई मीना रावत ने विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। अभियोजन पक्ष की ओर से पांच गवाह पेश कराए गए। आरोपी की ओर से अधिवक्ता नरेंद्र सिंह कोरंगा और हेम चंद्र सिंह राणा ने मामले की पैरवी की।