बागेश्वर: जनपद में विकास की धूरी विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी में विकास कार्यों की चर्चा, सीमित संसाधनों से आगामी 05 वर्षों में अधिक से अधिक विकास किया जाए -सचिव

बागेश्वर से जुड़ी खबर सामने आई है। जनपद में विकास की धूरी विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी में सम्बोधित करते हुए सचिव मुख्यमंत्री, आवास, वित्त विभाग सुरेन्द्र नारायण पाण्डे ने कहा कि संगोष्ठी का उद्देश्य जनपद का विकास का रोड मैप तैयार कर आर्थिकी मजबूत करना है व सत्त विकास का लक्ष्य प्राप्त करना है। उन्होंने कहा जनपद स्तर पर जिला, राज्य व केन्द्रीय विकास योजनाओं को संचालित करते हुए विकास करना है ताकि आगामी वर्षों में जनपद व राज्य की आय में वृद्धि हो सके, जिसमें जनप्रतिनिधियों, संस्थाओं व आम जनता की सहभागिता अहम है।

जनपद में माइक्रो प्लान एवं आगणन तैयार करना अतिआवश्यक है – सचिव

एक दिवसीय कार्यशाला में सचिव ने कहा सीमित संसाधनों का सही उपयोग करते हुए जनपद का आगामी 05 वर्षों में अधिक से अधिक विकास किया जाना है इसकी मॉनिटरिंग की जायेगी। सचिव ने कहा कि अधिकारी कर्मचारी ऑनलाइन डाटा डेसबोर्ड नियमित देखें तथा इसको अपनी आदत में सुधार करें ताकि तकनीकी का भी अधिक से अधिक उपयोग हो सके। उन्होंने कहा राज्य सरकार द्वारा विकास कार्यक्रमों हेतु उपलब्ध कराये गये समस्त वित्तीय संसाधनों के स्रोतों जिनमें जिला सैक्टर, राज्य सैक्टर, केन्द्र सैक्टर, वित्त आयोग, सांसद विधायक निधि आदि प्रमुख है जनपद में माइक्रो प्लान एवं आगणन तैयार करना अतिआवश्यक है, इसी प्रकार तकनीकी संसाधनों हेतु स्थानीय स्तर पर जैसे कॉलेज, स्वयं सेवी संस्थानों, विश्व विद्यालयों एवं अकादमी एवं शोध संस्थाओं, मेडिकल कॉलेजों एवं तकनीकी संस्थाओं आदि का विकास कार्यों में उपयोग किये जाने की संभावनाओं का भी आंकलन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड 2025 के दृष्टिगत अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक योजना बनाकर रोडमैप तैयार किये जाये जिससे जनपद में 2023 तक सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। सचिव ने जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं, के प्रतिनिधियों से वार्ता कर जानकारियां ली।

विकास कार्यों का नियमित मॉनिटरिंग एवं स्थलीय सत्यापन किया जाए – डीएम

जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जनपद विकास की धूरी के अवधारणा के प्रभावी उपयोगी एवं सशक्त बनाने हेतु उपलब्ध समस्त संशाधनों का अधिकतम उपयोग कर स्थानीय स्तर पर नियोजन प्रक्रिया को अधिक प्रभावी एवं उपयोगी बनाया जायेगा। उन्होंने कहा विकास कार्यों का नियमित मॉनिटरिंग एवं स्थलीय सत्यापन किया जायेगा, ताकि कार्यों की गुणवत्ता एवं समयबद्धता बनी रहे। उन्होंने कहा जनता के सुझावों को जनपद के विकास में समाहित किया जायेगा। कार्यशाला में अधिकारियों का ग्रुप बनाकर विचार विमर्श किया गया। नियोजन विभाग द्वारा पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारियां दी गयी।

मौजूद रहे

कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डीपी जोशी, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, प्रभागीय वनाधिकारी उमेश तिवारी, संयुक्त निदेशक अर्थ एवं संख्या त्रिलोक सिंह अन्ना, उप निदेशक निर्मल कुमार शाह, विषय विशेषज्ञ करूणाकरण, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 आर चन्द्रा, महाप्रबन्धक उद्योग जीपी दुर्गापाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन, कृषि अधिकारी गतीजांजि बंगारी, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह, अधि0अभि0 लोनिवि राजकुमार, सिंचाई के.के जोशी, जल संस्थान सीएस देवड़ी, विद्युत मोहम्मद अफजाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट, समाज कल्याण अधिकारी हेम तिवारी, जिला पंचायत सदस्य पूरन सिंह, नरेन्द्र लाल, चन्दन रावत, वरिष्ठ नागरिक किशन सिंह मलडा, दलीप खेतवाल समेत अनेक अधिकारी मौजूद रहे।