बागेश्वर: पति के बीमार होने पर खुद पकड़ी गाड़ी की स्टीयरिंग, शुरू किया सड़कों पर सपनों का सफर, बनी कुमाऊं की दूसरी महिला टैक्सी ड्राइवर

बागेश्वर से जुड़ी खबर सामने आई है। यहां एक महिला टैंक चलाने पर सुर्खियो में आई है। महिला के हौंसले को लोगों द्वारा खुब तारीफ मिल रहीं हैं।

ममता के आत्मबल की उड़ान

हम बात कर रहे हैं बागेश्वर के जैनकरास की टैक्सी ड्राइवर ममता जोशी की। 29 वर्षीय ममता जैनकरास-बागेश्वर, बागेश्वर-काफलीगैर, बागेश्वर-अल्मोड़ा रूट पर टैक्सी चला रही हैं। सवारियां भी बेझिझक ममता की ड्राइविंग का लुत्फ उठा रहे हैं। ममता ओम शांति टूर एंड ट्रैवल्स नाम से टैक्सी का संचालन करती हैं। ममता को लगभग 8 महीने तक अच्छी तरह सीखने के बाद टैक्सी का ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त हुआ। ममता इसी माह से टैक्सी चला रही हैं। जिसके बाद बागेश्वर के जैनकरास की ममता जोशी कुमाऊं की दूसरी टैक्सी चालक बन गई हैं। कुछ महीने पहले रानीखेत की रेखा पांडे टैक्सी चलाने को लेकर चर्चा में आईं थीं। रेखा ने उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी चालक का खिताब अपने नाम किया। जो अन्य महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन रहें हैं।

पति बीमार हुए तो चलानी सीखी गाड़ी

ममता जोशी को पति सुरेश चंद्र जोशी की बीमारी ने टैक्सी चालक बनने का हौसला दिया। ममता जोशी ने बताया कि उनके पति सुरेश चंद्र जोशी कोविड लॉकडाउन से पहले अल्मोड़ा में एक मीडिया प्रतिषठान में काम करते थे। लॉकडाउन में उन्होंने नौकरी छोड़ दी। वर्ष 2021 में बैंक से ऋण लेकर टैक्सी खरीदी। अचानक पति की तबीयत खराब हो गई। वह कई महीनों तक बीमार रहे। ममता ने पति का उपचार कराया और टैक्सी चालना सीखा। तीन वर्ष की बेटी हरिप्रिया की भी देखभाल की और घर का काम भी निपटाया। घर में बैठे पति को लोग ताने भी मारने लगे। ममता ने किसी की परवाह किए बगैर घर खर्च के लिए गाड़ी चलाना सीखा।