बागेश्वर से जुड़ी खबर सामने आई है। बागेश्वर में उत्तरायणी मेला शुरू हो गया है। इस मौके पर बीते कल सोमवार को कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने नुमाईश खेत में आयोजित उत्तरायणी मेले का दीप प्रज्वलन के साथ ही फीता काटकर विधिवत शुभारंभ किया।
कहा- मेले संस्कृति के संवाहक
इस दौरान उन्होंने कहा कि मेले संस्कृति के संवाहक होते है। संस्कृति के विकास में मेलों का काफी महत्व है तथा मेले संस्कृति के विकास में सहायक सिद्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरायणी मेला ऐतिहासिक,धार्मिक व व्यापार के दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने आयुक्त समेत सभी मेलार्थियों का स्वागत करते हुए मेलार्थियों से मेले को शांतिपूर्ण संपन्न कराने की अपील की। उन्होंने नुमाइश में लगे स्टालों का निरीक्षण किया तथा जानकारी प्राप्त की। उन्होंने मेलार्थियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेले हमारी संस्कृति के विकास में सहायक सिद्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा बागनाथ की भूमि में लगने वाला उत्तरायणी मेले का ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व के साथ ही व्यापारिक महत्व भी है। उन्होंने उत्तरायणी का दिन कुली बेगार प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने वाले बीडी पांडे को याद करने वाला भी बताया।
किया सम्मानित
इस दौरान स्थानीय लोगों की फरमाईश पर मंडलायुक्त ने ‘‘झन दीया बौज्यू छाना बिलौरी,लागला बिलौरी का घामा’’ कुमाऊनी गीत गाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। साथ ही ताइक्वांडो व अन्य खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाडियों एवं स्वच्छता के प्रति जागरूता के लिए कुंदन प्रसाद व जागर गायिका कमला देवी को कुमाऊं कमिश्नर ने सम्मानित किया।
रहें उपस्थित
इस दौरान अपर जिलाधिकारी एनएस नबियाल, मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, उपजिलाधिकारी व मेलाधिकारी मोनिका, नगर पालिका ईओ मोहम्मद यामीन, हयात सिंह परिहार, भुवन कांडपाल, रघुवीर दफौटी आदि उपस्थित रहे।