सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी के बहुचर्चित बनभूलपुरा मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। आज बुधवार को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे की 30 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा हटाने के नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
लोगों के पुनर्वास की बनाए योजना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि जो वहां रह रहे हैं, वो भी इंसान हैं, और वे दशकों से वहां रह रहे हैं। अदालतें उनके प्रति निर्दयी नहीं हो सकतीं। अदालतों को भी संतुलन बनाए रखने की ज़रूरत है और राज्य को भी कुछ करने की ज़रूरत है। जिस पर अदालत ने कहा कि उत्तराखंड के चीफ सेकेट्री, केंद्र के अफसर और रेलवे के अफसर मीटिंग करें और ये योजना बनाई जाए कि आखिर लोगों का पुनर्वास किस तरह से होगा। अदालत ने कहा कि चार हफ्तों के भीतर इस योजना पर काम किया जाना चाहिए। जिसके बाद इस मामले पर अगली सुनवाई पांचवे हफ्ते में होगी। साथ ही रेलवे से कहा कि अगर आप लोगों को बेदखल करना चाहते हैं तो नोटिस जारी करें। इसके लिए जनहित याचिका का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
50 हजार लोगों को ऐसे नहीं हटाया जा सकता
रिपोर्ट्स के मुताबिक रेल विभाग द्वारा दावा की गई 29 एकड़ जमीन पर 4,365 परिवारों ने अतिक्रमण कर रखा है। जमीन पर कब्जा रखने वाले परिवार हल्द्वानी में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और दावा कर रहे थे कि वे जमीन के असली मालिक हैं। जिस पर शीर्ष अदालत ने पांच जनवरी 2023 को एक अंतरिम आदेश में 29 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने के हाई कोर्ट के निर्देशों पर रोक लगा दी थी कोर्ट ने कहा था कि 50,000 लोगों को रातोंरात नहीं हटाया जा सकता है।