चित्रकूट स्थित रानीपुर वन्यजीव विहार उत्तर प्रदेश का चौथा और देश का 53 वां बाघ अभ्यारण्य बन गया है। केन-बेतवा लिंक परियोजना के कारण मध्य प्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा डूब क्षेत्र में आने के कारण वहां के बाघ चित्रकूट की ओर आएंगे, इसलिए प्रदेश सरकार ने 18 अक्टूबर को रानीपुर बाघ अभ्यारण्य बनाने की अधिसूचना जारी कर दी है।
529.36 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है अभ्यारण्य
रानीपुर वन्यजीव विहार करीब 230 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसके अलावा करीब 299 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल इसमें और जोड़ा गया है। वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि “529.36 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला नया टाइगर रिजर्व बाघ संरक्षण की कोशिशों को मजबूत करेगा।”
रानीपुर के अलावा, उत्तर प्रदेश राज्य में तीन अन्य बाघ अभ्यारण्य दुधवा, पीलीभीत और अमनगढ़ हैं। अमनगढ़ जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का बफर जोन है और उत्तर प्रदेश के बिजनौर में स्थित है। दुधवा टाइगर रिजर्व जहां लखीमपुर में स्थित है, वहीं पीलीभीत टाइगर रिजर्व पीलीभीत में है। यूपी के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित रानीपुर टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश स्थित पन्ना टाइगर रिजर्व से महज 150 किमी दूर स्थित है। रानीपुर टाइगर रिजर्व उत्तरी उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती जंगलों से आच्छादित है और यहाँ बाघ, तेंदुआ, भालू, सांभर, चित्तीदार हिरण, चिंकारा और कई पक्षी तथा सरीसृप पाये जाते हैं।
बाघ संरक्षण की कोशिश को मजबूत करेगा अभ्यारण्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी साल सितंबर महीने में उत्तर प्रदेश में बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए बुंदेलखंड में बाघ अभ्यारण्य बनाने को मंजूरी दी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में, मंत्रिमंडल ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत रानीपुर बाघ अभ्यारण्य को अधिसूचित करने की मंजूरी दी। राज्य सरकार के अनुसार, इस टाइगर रिजर्व की स्थापना से बाघों का संरक्षण तो होगा ही साथ ही क्षेत्र में ईको-टूरिज्म के द्वार खुलेंगे और रोजगार के अपार अवसर भी पैदा होंगे।
पिछले 8 वर्षों में बाघों की संख्या में दोगुनी वृद्धि
भारत में बाघों की हालिया गिनती 2018 में की गई थी, जिसके मुताबिक, देश में 2,967 बाघ हैं और इनमें से 173 उत्तर प्रदेश में हैं। भारत वैश्विक बाघों की आबादी का 70% से अधिक का आवास है। भारत ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा के लक्षित वर्ष 2022 से 4 साल पहले वर्ष 2018 में ही बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल किया है।