जर्मनी में दशकों बाद आई भीषण बाढ़ से कम से कम 120 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग लापता हैं। पश्चिमी यूरोप में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण नदियों का तटबंध टूट गया है और बाढ का पानी कई इलाकों में घुस गया है। बेल्जियम में भी बदलते मौसम के कारण 22 लोगों की मौत हो गई है जिसका कारण जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा हैं।
जलवायु संरक्षण के उपायों को तेज किया जाना चाहिए
जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने पीड़ितों को पूरी मदद करने का आश्वासन दिया। जर्मनी में राइनलैंड-पैलेटिनेट और नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया राज्य बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया के प्रधानमंत्री अर्मिन लास्केट ने बुरी तरह से प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम में बदलाव आ रहा है और अब जलवायु संरक्षण के उपायों को तेज किया जाना चाहिए।
शुल्द गांव पूरी तरह से नष्ट
शुल्द गांव पूरी तरह से नष्ट हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि बेल्जियम की सीमा पर स्थित रुर्टल्सपर बांध में पानी ऊपर से बह रहा है। इस क्षेत्र में मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है। सहायता और बचाव के लिए लगभग पन्द्रह हजार पुलिस और आपातकालीन सेवाकर्मी लगे हुए हैं जबकि छतों पर फंसे लोगों को हेलीकॉप्टरों से निकाला जा रहा है। सडक पर गिरे पेडों और मलबे को हटाया जा रहा है।
नीदरलैंड भी प्रभावित
लक्ज़मबर्ग और स्विटज़रलैंड में बाढ़ के कारण नीदरलैंड भी काफी प्रभावित हुआ है।
पश्चिमी जर्मनी के अहरवीलर जिले में एक हजार तीन सौ लोगों के लापता हो गए हैं। स्थानीय सरकार के महिला प्रवक्ता ने बताया कि मोबाइल नेटवर्क ध्वस्त हो गया है जिससे लोगों से संपर्क करना असंभव हो गया है।