उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में पेपरलेस रजिस्ट्री का अधिवक्ताओं द्वारा लगातार विरोध जारी है।
कुमाऊं कमिश्नर के कार्यालय का किया घेराव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस पर प्रदेश भर के अधिवक्ता और दस्तावेज लेखक लगातार धरना प्रदर्शन कर रहें हैं और सरकार से इस व्यवस्थाएं को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। अधिवक्ताओं ने कहा है कि वर्चुअल रजिस्ट्री प्रक्रिया से उनकी रोजी-रोटी पर आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा। इस मांग को लेकर सोमवार 10 मार्च को भी कुमाऊं के तमाम जिलों और तहसीलों से भी अधिवक्ता हल्द्वानी पहुंचे। यहां उन्होंने कुमाऊं कमिश्नर कार्यालय का घेराव किया और सड़कों पर सरकार के इस फैसला का विरोध किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के माध्यम से राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। दरअसल उत्तराखंड की धामी सरकार ने जमीनों की रजिस्ट्री डिजिटली और पेपरलेस करने का निर्णय लिया है। जिसका अधिवक्ताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है।
बड़े आन्दोलन की चेतावनी
साथ ही अधिवक्ताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द ही इस व्यवस्था को खत्म नहीं किया गया तो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।