हल्द्वानी से जुड़ी खबर सामने आई है। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के संरक्षक हुकम सिंह कुंवर को एक तरफा पद मुक्त करने की और मंच के अन्य मामलों की जांच शुरू हुई। इस संबंध में उपजिलाधिकारी परितोष वर्मा ने जांच के आदेश दिए।
कहीं यह बात
संरक्षक हुकम सिंह कुंवर और कार्यकारणी सदस्य कमल जोशी ने मंच में आम चुनाव कराने की मांग के साथ साथ पारदर्शिता की मांग की थी। हुकम सिंह कुंवर ने अपनी शिकायत पर कहा है वह 1982 में मंच की भूमि आंदोलन में अपने 122 साथियों के साथ जेल गए थे। लेकिन जब उन्होंने मंच में पारदर्शिता की बात की तो उन्होंने मुझे पदमुक्त कर बेइज्जत किया् उन्होंने कहा मैंने सभी से बात कर मामले को सुलझाने की बात की पर वह नही माने। कुंवर ने कहा वह मंच के समर्थक हैं पर किसी गिरोह की तरह मंच को चलाने के समर्थक नहीं हैं। कुंवर ने कहा उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए डॉक्टर महेंद्र सिंह पाल,हरीश मेहता, किरन पांडे, प्रेम सिंह अधिकारी,भुवन जोशी जो संस्था के जीवित सदस्य हैं उनसे भी बात की, लेकिन कोई भी व्यक्ति मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। मुझे पद की चाहत नहीं है,पर संस्था के आम चुनाव होने चाहिए। 11 मार्च को मंच मे मुझे इनके द्वारा अपमानित किया गया।
कहा हुकम सिंह कुंवर का योगदान भुलाया नही जा सकता
पर्वतीय समाज के लोगों ने कहा हुकम सिंह कुंवर का पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के लिए बड़ा योगदान रहा है उनको एक तरफा पद मुक्त करना पूरे पर्वतीय समाज के लिए घातक है। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट पृथ्वी पाल सिंह रावत, महामंत्री पंकज सुयाल,मंच के लिए जेल गए पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष हरेंद्र सिंह बोरा,दीवान सिंह मटियाली,मयंक शर्मा,केदार पलड़िया, डॉक्टर बालम सिंह बिष्ट,मनोज शर्मा, पूर्व प्रमुख प्रकाश सिंह बोरा,दीवान सिंह बिष्ट,आदि ने निष्पक्ष जांच कर न्याय की मांग की है। सभी ने कहा हुकम सिंह कुंवर का योगदान भुलाया नही जा सकता।