Health tips: फैटी लीवर की समस्या करें दूर, अपनाएं यह आयुर्वेदिक उपाय

आज हम स्वास्थ्य से संबंधित फायदों के बारे में आपको बताएंगे। आज के समय फैटी लिवर की समस्या काफी आम हो गई है। खराब जीवनशैली और गलत खानपान के कारण फैटी लिवर की समस्या होती है। जब लिवर की कोशिकाओं में ज्यादा मात्रा में फैट इकट्ठा हो जाता है, तब फैटी लिवर की समस्या होती है। जो लोग शराब का बहुत अधिक सेवन करते हैं, उन्हें यह बीमारी ज्यादा होती है। हालांकि, जो लोग शराब नहीं पीते हैं, उन्हें भी फैटी लिवर हो सकता है। इस बीमारी में लिवर में सूजन बढ़ने लगती है, जिससे लिवर खराब होने का भी खतरा रहता है। इसका उपचार बेहद जरूरी है। इन आयुर्वेद की मदद से फैटी लिवर की समस्या को ठीक कर सकते हैं।

आइए जानें

एलोवेरा का जूस

फैटी लिवर के मरीजों को एलोवेरा का सेवन करना चाहिए। एलोवेरा हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। एलोवेरा एक प्राकृतिक ब्लड प्यूरीफायर है। एलोवेरा लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और फैटी लिवर की बीमारी के इलाज में मदद कर सकता है। एलोवेरा का जूस पीने से शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इसके लिए आप सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी के साथ एक चम्मच एलोवेरा जूस का सेवा कर सकते हैं।

गिलोय का सेवन

गिलोय एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल कई गंभीर समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। लिवर से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में गिलोय बहुत कारगर है। गिलोय एंटीऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर होता है, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। गिलोय का सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ती है। फैटी लिवर की समस्या में गिलोय का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए आप एक गिलास पानी को गर्म कर लें। इसमें एक चम्मच गिलोय का रस और थोड़ा सा शहद मिलाएं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से फैटी लिवर में जल्द ही लाभ हो सकता है।

आंवला है फायदेमंद

आंवला कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। आंवले में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जो पाचन और लिवर से जुड़ी समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है।आंवले का सेवन करने से शरीर में मौजूद टॉक्सिंस बाहर निकलते हैं और बॉडी डिटॉक्स होती है। कमजोर पाचन और लिवर से जुड़ी समस्याओं में आंवला का सेवन बहुत लाभकारी होता है। फैटी लिवर की समस्या को ठीक करने के लिए आप सुबह खाली पेट आंवले के जूस का सेवन करें।

कालमेघ

कालमेघ का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधी के रूप में होता है। लिवर को स्वस्थ रखने में कालमेघ काफी प्रभावी है। कालमेघ की पत्तियों में हेपटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective) गुण पाए जाते हैं, जो लिवर को डैमेज होने से बचाते हैं। कालमेघ की पत्तियों के अर्क का सेवन करने से फैटी लिवर और लिवर से जुड़ी बीमारयों की समस्या में लाभ होता है।

पुनर्नवा

फैटी लिवर की समस्या में पुनर्नवा का सेवन एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय माना जाता है। पुनर्नवा एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो कई गंभीर बीमारियों से बचाव करती है। पुनर्नवा लिवर को हेल्दी रखने में काफी फायदेमंद है। रोजाना एक चम्मच पुनर्नवा पाउडर का पानी या दूध के साथ सेवन करने से फैटी लिवर की परेशानी आसानी से दूर हो सकती है।