आज हम स्वास्थ्य से संबंधित फायदों के बारे में आपको बताएंगे। चाय हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गई है। चाय के बिना सुबह की शुरुआत ही नहीं होती है। आज हम आपको चाय के फायदें और अन्य जानकारी बताएंगे।
चाय बनाने का सही तरीका
भारत में अधिकतर लोग दूध वाली चाय पीते हैं। ग्रीन टी और हर्बल टी का क्रेज यहां के लोगों में कम है। ऐसे में दूध वाली चाय को बनाने का एक आसान सा तरीका है। आमतौर पर चाय में दूध ज्यादा और पानी कम होता है। कड़क चाय पीने वाले पत्ती ज्यादा डालते हैं और मीठा कम पसंद करने वाले चीनी कम डालते हैं। मगर, इन सभी सामग्रियों को साथ में नहीं डालना चाहिए। इससे चाय का स्वाद एकदम खराब हो सकता है। सबसे पहले आपको एक साफ बर्तन में चाय पीने वालों की संख्या को ध्यान में रख कर पानी डालना चाहिए। पानी में जब थोड़ा उबाल आने लगे तो उसमें आपको चाय की पत्ती डाल देनी चाहिए। इसे कुछ देर के लिए उबलने देना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि जब आप चाय की पत्ती को पानी में उबाल रहे हों तो उसे 5 मिनट से ज्यादा न उबालें। इतने समय में चायपत्ती अच्छी तरह से उबल जाती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि चायपत्ती अच्छे ब्रांड की हो और बड़े दाने वाली हो। पानी का रंग जब हल्का काला होने लगे तब आपको इसमें चीनी डाल देनी चाहिए। चीनी चाय की पत्ती के साथ कभी न डालें। इससे भी चाय का स्वाद बिगड़ जाता है। चाय में दूध डालने से पहले उसे अच्छी तरह से उबाल लें। जब दूध उबालें तो उसे धीरे-धीरे चम्मच से चलाते रहें। जब दूध उबल जाए तो उसे चाय के लिए उबल रहे पानी में डाल दें। इसके बाद कुछ देर चाय को उबालें। जब चाय उबल रही हो तो उसे चम्मच से चलाते रहें। 5 मिनट बाद आप चाय को आंच से उतार कर सर्व कर सकते हैं। यह न ज्यादा कड़क होगी और न ही ज्यादा लाइट। इसे पीने पर आपको अच्छा महसूस होगा।
चाय पीने का सही तरीका
वैसे चाय बनाने के साथ ही आपको चाय पीने का सही तरीका भी मालूम होना चाहिए। यदि आपका चाय पीने का तरीका सही नहीं है तो आपको हेल्थ से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप सुबह खाली पेट चाय पीते हैं तो आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं चाय आपकी भूख भी मार सकती है। इससे आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट भी स्लो हो जाता है।रात में सोने से पहले और सुबह उठने के तुरंत बाद आपको चाय कभी नहीं पीनी चाहिए। यदि आप ऐसा कर रहे हैं तो यह पेट के बाइल जूस की प्रक्रिया पर प्रभाव डाल सकता है। यह आपके पेट में एसिड भी बना सकता है जिससे आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है। यदि आप ज्यादा देर तक रखी हुई चाय को दोबारा गरम कर के पी रहे हैं तो यह आपके लिए जहर की तरह काम कर सकता है। वहीं अगर आप चाय को बहुत ज्यादा उबाल कर पीते हैं तो आपको बता दें कि ऐसा करने से चाय में निकोटिनामाइड की मात्रा बढ़ जाती है। यह आपकी सेहत के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है।
चाय और कॉफी का सही समय
चाय और कॉफी ऐसे पेय पदार्थ हैं जिसके बिना दिन में कई लोग अपने काम के बारे में सोच भी नहीं सकते लेकिन अगर इसे सही समय पर नहीं लिया जाए तो इसका शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे नींद का पैटर्न भी बिगड़ सकता है। इसलिए इन चीजों को लेते समय सही समय का पालन करें जिससे इनका अधिकतम लाभ मिल सके। नमामि ने इंस्टाग्राम पर लिखा है कि सुबह में चाय और कॉफी का डोज हमारे मूड को सही रखता है। चूंकि इसमें कैफीन होता है, इसलिए मानसिक और शारीरिक रूप से हमें यह तरोताजा रखता है। हालांकि, चाय और कॉफी को पेट के लिए सुबह की पहली चीज न बनाएं।
आइए जानें चाय के प्रकार, जो आपकी सेहत के लिए है फायदेमंद
☕ब्लैक टी-
काली चाय में दूसरी चाय से ज्यादा ऑक्सीकरण होता है, जैसे कि ग्रीन, सफेद या ऊलोंग चाय। ऑक्सीकरण एक रासायनिक प्रतिक्रिया है, जो तब होती है जब चाय की पत्तियां हवा के संपर्क में आती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ब्राउनिंग होती है जो काली चाय की विशेषता गहरे रंग का कारण बनती है। काली चाय के कई अलग-अलग प्रकार और मिश्रण उपलब्ध हैं, जिनमें अर्ल ग्रे और अंग्रेजी ब्रेकफास्ट जैसी लोकप्रिय किस्में शामिल हैं।
🍵पुएर चाय-
यह चाय एक प्रकार की चाइनीज काली चाय है, जिसे फर्मेटेड किया गया है। भोजन के बाद अक्सर इसका आनंद लिया जाता है, और इसमें एक सुगंध होती है जो लंबे समय तक संग्रहीत होती है। पुएर चाय ब्लड शुगर और रक्त ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर सकती है। इससे बेली फैट तेजी से कम होता है।
☕ऊलोंग चाय-
ऊलोंग चाय एक ट्रेडिशनल चाइनीज चाय है, जिसे आंशिक रूप से ऑक्सीकरण किया गया है, इसे ऑक्सीकरण और रंग के मामले में ग्रीन-टी और काली चाय के बीच कहीं रखा गया है। यह अक्सर फल, सुगंधित सुगंध और एक अद्वितीय स्वाद के लिए जानी जाती है कई अध्ययनों से पता चला है कि ऊलोंग चाय फैट बर्न में मेटाबॉलिज्म के लिए बहुत अच्छी है।
🍵ग्रीन-टी-
ग्रीन-टी वजन घटाने के लिए सबसे ज्यादा कारगर है और इसे कई स्वास्थ्य लाभों के साथ जोड़ा जाता है। यह वजन घटाने के साथ स्किन के लिए भी काफी इफेक्टिव चाय मानी जाती है। ग्रीन-टी में वजन और शरीर की चर्बी दोनों को कम करने के लिए की गजब की क्वालिटी होती है।
☕हर्बल चाय-
हर्बल चाय में गर्म पानी में जड़ी बूटियों, मसालों और फलों के एक्सट्रेंक शामिल होते हैं। वे ट्रेडिशनल चाय से भिन्न होते हैं क्योंकि उनमें आमतौर पर कैफीन नहीं होता है और कैमेलिया साइनेंसिस की पत्तियों से नहीं बनता है। हर्बल चाय किस्मों में रूइबोस चाय, अदरक की चाय, गुलाब की चाय और हिबिस्कस चाय शामिल हैं। हालांकि, हर्बल चाय की सामग्री और संरचना में काफी भिन्नता हो सकती है, लेकिन कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि हर्बल चाय वजन घटाने और वसा घटाने में मदद कर सकती है।
🍵पुदीना चाय-
पुदीने की चाय दुनिया भर में व्यापक रूप से खाई जाने वाली चाय है। शोध के अनुसार , इसमें एंटीऑक्सिड , एंटीकैंसर, जीवाणुरोधी और एंटीवायरल प्रभाव होते हैं। लोग आमतौर पर इसका उपयोग पाचन तंत्र के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए करते हैं। अध्ययनों के अनुसार , पेपरमिंट ऑयल में अक्सर अतिरिक्त जड़ी-बूटियां शामिल होती हैं और अपच, मतली और पेट दर्द को कम करने में मदद करती हैं। एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि पेपरमिंट चाय पाचन तंत्र में मौजूद मांसपेशियों को आराम और सुखदायक करके आंतों, एसोफैगस और कोलन को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा, यह अपने विरोधी भड़काऊ गुणों के कारण चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम के लक्षणों का इलाज करने में मदद करता है। इसलिए, यदि आप ऐंठन, मतली या अपच जैसी पाचन समस्याओं से पीड़ित हैं, तो पुदीने की चाय विचार करने के लिए एक उत्कृष्ट प्राकृतिक इलाज है।
☕अदरक की चाय-
अदरक की चाय एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर एक स्वादिष्ट पेय है। यह सूजन को भी रोकता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। अध्ययनों के अनुसार , अदरक मतली को कम करने में मदद करता है, खासकर प्रारंभिक गर्भावस्था में। इसके अतिरिक्त, यह कैंसर उपचारों और मोशन सिकनेस द्वारा उत्पन्न मतली के साथ मदद करता है। अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, अदरक पेट के अल्सर की रोकथाम में मदद करता है और अपच या कब्ज को कम करता है। अदरक कष्टार्तव या दर्दनाक अवधियों को भी कम कर सकता है।
🍵लेमन बाम टी-
लेमन बाम टी का स्वाद हल्का, नींबू जैसा होता है और यह आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है। लेमन बाम की चाय पीने से हमारे शरीर की धमनियों की लोच में सुधार होता है। धमनियों में अकड़न हृदय रोग, स्ट्रोक और संज्ञानात्मक शिथिलता जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के प्रमुख कारणों में से एक है। कठोर धमनियां शरीर में सुचारू रक्त प्रवाह को बाधित करती हैं। यह आगे हृदय के लिए रक्त पंप करना चुनौतीपूर्ण बना देता है। लेमन बाम टी त्वचा को कोमल और कोमल बनाती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, त्वचा अपनी लोच खोने लगती है। लेमन बाम टी में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो त्वचा के लिए स्वस्थ होते हैं। यह त्वचा को पोषण देता है और इसे स्वस्थ और विषाक्त पदार्थों से मुक्त रखता है।