आज हम बात कर रहे हैं सरसों के साग की। स्वाद में तो सरसों के साग का कोई मुकाबला नहीं है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके फायदे भी बेमिसाल हैं।
🔷सरसों का साग कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मैग्नीशियम, आयरन, और कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन ए, सी, डी, बी 12 और आयरन से भरपूर होता है। इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर से टॉक्सिन दूर करने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
🍲आइए जानें-
🍲वजन होता है कम-
सरसों के साग में हाई मात्रा में फाइबर होने के कारण इसका सेवन मेटाबॉलिज्म को नियमित करने में मदद करता है और इस तरह शरीर का वजन सही रहता है।
🍲विटामिन ए और सी से भरपूर-
ये दो मजबूत एंटीऑक्सीडेंट शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकते हैं जो शरीर में महत्वपूर्ण कार्यों और टिशू को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स के कारण होता है।
🍲कोलेस्ट्रॉल से बचाता है-
खराब या एलडीएल कोलेस्ट्रॉल से बचाने में सरसों का साग आपकी मदद करता है। यह शरीर को बाइल बाइडिंग प्रक्रिया को कुशलता से पूरा करने में मदद करता है। यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में मदद करता है।
🍲शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है-
इस हरी सब्जी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करने में मददकरते हैं, टॉक्सिन को खत्म करते हैं और शौच के माध्यम से छुटकारा दिलाते हैं। यह शरीर में केमिकल्स और हैवी मेटल्स को बेअसर करने में भी मदद करता है।
🍲अस्थमा के रोगियों के लिए मददगार-
सरसों के साग में विटामिन सी एंटी-इंफ्लेमेटरी पदार्थ, हिस्टामाइन के टूटने में मदद करके अस्थमा से जूझ रहे लोगों के लिए बहुत अच्छा होता है। इसके अलावा, मैग्नीशियम मौजूद होने के कारण यह ब्रोन्कियल नलियों और फेफड़ों को आराम देने में मदद करता है। इसके अलावा नाक की एलर्जी का मतलब साइनस सूजन के लिए एक खुला निमंत्रण है। लेकिन जब सरसों यहां है तो डर क्यों। वर्ल्ड एलर्जी ऑर्गेनाइजेशन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन बताता है कि विटामिन सी साइनस एलर्जी पर अंकुश लगा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरसों का साग विटामिन सी से भरपूर होता है।