एक छोटी बच्ची को मदद की दरकार है। विनीत चौधरी की पुत्री जो की मात्र अभी 7 महीने की है। उसे एक जेनेटिक डिसऑर्डर डायग्नोज हुआ है। जिसको स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी ( SMA टाइप 1) कहते हैं, जो एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है।
दुर्लभ बीमारी से पीड़ित नवजात
SMA टाइप 1 एक जानलेवा न्यूरोमस्कुलर स्थिति है, जो सांस लेने, निगलने और हिलने-डुलने जैसी मूल गतिविधियों को प्रभावित करती है। इलाज के बिना, यह स्थिति बच्चे की जीवन गुणवत्ता और जीवन प्रत्याशा पर गंभीर असर डालती है।
वृद्धि की एकमात्र उम्मीद
ज़ोलजेनस्मा(Zolgensma) है, जो एक बार की जीन थेरेपी है। लेकिन इस जीवन-रक्षक उपचार की लागत ₹9,00,00,000 (₹9 करोड़) है, जो उनके लिए संभव नहीं है। वृद्धी का इलाज रेनबो अस्पताल, बंजारा हिल्स, हैदराबाद में हो रहा है, और चिकित्सक डॉ. रमेश कोनांकी हैं। जिस पर विनम्रता से अनुरोध किया हैं कि वृद्धी के इलाज के लिए धन जुटाने में हमारी मदद करें। हर योगदान, चाहे वो कितना भी छोटा हो, बहुत बड़ा फर्क डाल सकता है।
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