केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में बुधवार, 21 दिसंबर को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की गई। बैठक के दौरान देश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक ट्वीट के जरिए जानकारी देते हुए बताया कि कुछ देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए उन्होंने विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की । इसी के साथ यह कहते हुए कि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है, केंद्रीय मंत्री ने सभी संबंधितों को सतर्क रहने और निगरानी मजबूत करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
जीनोम सिक्वेंसिंग बढ़ाने को कहा गया
वहीं चीन, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोरिया और ब्राजील में कोविड मामलों में अचानक आई तेजी के बीच कल, 20 दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सकारात्मक नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग बढ़ाने को कहा। ऐसे में कहा जा सकता है कि कोविड-19 की सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियां अभी भी दुनियाभर में बनी हुई हैं, जिसके लगभग 35 लाख मामले साप्ताहिक रूप से सामने आए हैं। भारत में हर हफ्ते करीब 1,200 मामले सामने आ रहे हैं।
देशवासियों से कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाने की अपील
इसी बीच नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल का भी बयान आया है। उन्होंने कहा है कि ”जिन्हें प्रीकॉशन डोज नहीं लगी है, उन्हें इसे ले लेना चाहिए। उन्होंने इसे पेंडेमिक रिस्पॉन्स का एक पिलर बताया। इसी के साथ-साथ उन्होंने देश की जनता से कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाने की भी अपील की।
नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए होगी निगरानी
इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा है कि इससे देश में यदि कोई नया वेरिएंट चल रहा हो तो उसका समय पर पता चल सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे अपेक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने में भी सुविधा होगी। स्वास्थ्य सचिव भूषण ने सभी राज्यों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि जहां तक संभव हो सभी सकारात्मक मामलों के नमूने, दैनिक आधार पर नामित जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं को भेजे जाएं। उल्लेखनीय है कि भारत परीक्षण, ट्रैकिंग, उपचार, टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की पांच गुना रणनीति पर अपना ध्यान केंद्रित करके कोविड-19 वायरस के संचरण को प्रतिबंधित करने में सक्षम रहा है।