सार्वजनिक संपत्ति को पंहुचाया नुकसान तो जमा करनी होगी भरपाई, तभी मिले आरोपी को जमानत, विधि आयोग की सिफारिश

देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू कराते रहते हैं। एक ऐसी खबर हम आपके सामने लाए हैं। विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश करते हुए कहा है कि आरोपी को सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई करने के बाद ही जमानत दी जाए। कहा है कि अगर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले से हर्जाना वसूला जाएगा तो इससे लोग प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ नहीं करेंगे।

कड़े जमानती प्रावधानों का प्रस्ताव दिया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस संबंध में सेवानिवृत्त न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाले लॉ पैनल ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के लिए कड़े जमानती प्रावधानों का प्रस्ताव दिया है‌। लॉ कमीशन ने यह भी सुझाव दिया है कि बाधा उत्पन्न करने के लिए जानबूझकर किए जाने वाले विरोध प्रदर्शनों, सार्वजनिक स्थानों और सड़कों को लंबे समय तक अवरुद्ध करने के खिलाफ एक व्यापक कानून बनाया जाना बेहद जरुरी है।

इससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर लगेगी रोक

रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके अलावा विधि आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा है, ‘प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट से संबंधित आपराधिक मामलों में दोषसिद्धि और सजा का डर अपराधियों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकने में संभवत: कारगर साबित नहीं है। अगर ऐसे अपराधियों के लिए जमानत की शर्त के रूप में उनसे क्षति के बराबर का हर्जाना वसूलने का प्रावधान किया जाएगा तो इससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर रोक लगेगी’। इसने जमानत की शर्त को सख्त बनाने के लिए 1984 के कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा है।

जाने सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून क्या है

इस कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो उसे 05 साल तक की जेल की सजा है। साथ ही उसे जुर्माने या फिर दोनों हो सकते हैं। सार्वजनिक संपत्ति में ऐसे भवनों और संपत्ति को शामिल किया जाता है, जिनका उपयोग जल, प्रकाश, ऊर्जा उत्पादन या वितरण में किया जाता है। साथ ही तेल प्रतिष्ठान, सीवरेज, कारखाना या फिर लोक परिवहन या दूरसंचार के साधनों को भी सार्वजनिक संपत्ति में शामिल किया जाता है। सार्वजनिक संपत्ति में आग लगाने या फिर विस्फोट से तबाह करने पर दस साल जेल की सजा का प्रावधान है।