संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन पेश हुआ महत्वपूर्ण बिल, इन राज्यों की कुछ नयी जातियों को मिलेगा अनुसूचित जनजाति का दर्जा



संसद के शीतकालीन सत्र का कल तिसरा दिन रहा। इन दिन दिनों में कई महत्वपूर्ण बिल पेश हुए। कल भी सदन में चार राज्यों की कुछ अन्य जातियों को भी एसटी में शामिल करने का बिल लाया गया। इससे पहले तीसरे दिन लोकसभा में नियम 193 के तहत, भारत में खेलों के संवर्धन की आवश्यकता और सरकार की तरफ से इस दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में आगे की चर्चा हुई। इसके साथ ही एंटी पाइरेसी बिल पर भी चर्चा की गई। संसद का शीतकालीन सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा।

चार राज्यों की नयी जातियों को मिलेगा ST का दर्जा

जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा ने कल यानि शुक्रवार को चार राज्यों की कुछ जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के उद्देश्य से लोकसभा में चार विधेयक पेश किया। इन राज्यों में तमिलनाडु, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ एवं हिमाचल प्रदेश की कुछ जातियों को शामिल करने के लिए अनुसूचित जनजाति आदेश 1950 में संशोधन किया जाएगा। इन विधेयकों में तमिलनाडु के बारे में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक 2022, हिमाचल प्रदेश के बारे में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2022, कर्नाटक के बारे में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (चौथा संशोधन) विधेयक 2022 तथा छत्तीसगढ़ के बारे में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 शामिल रहें।

विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि विधेयक इसलिए लाया गया क्योंकि CITES को वन्यजीवों के संरक्षण के लिए एक स्वतंत्र ढांचे की आवश्यकता है। पारित होने के बाद, विधेयक धार्मिक और अन्य उद्देश्यों के लिए एक बंदी हाथी के हस्तांतरण या परिवहन की अनुमति देगा।

शीतकालीन सत्र में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार तैयार

बुधवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले मंगलवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं से सत्र को सुचारू ढंग से चलाने में सहयोग की अपील की। बैठक में सरकार ने स्पष्ट किया कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार ने शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले 16 विधेयकों की सूची पिछले सप्ताह जारी की थी। बैठक में सदन का कार्य सुचारू रूप से सुनिश्चित करने, सत्र के दौरान विधायी कार्यों सहित इससे जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हो सकती है। सत्र का समापन 29 दिसंबर को होगा। इस सत्र में सरकार ने ज्यादा से ज्यादा काम निपटाने का लक्ष्य रखा है जिसके अंतर्गत सरकार की योजना 23 विधेयकों को पारित कराने की है।