कुमाऊं में गन्ने के तने से मां लक्ष्मी की मूर्ति बनाने की अनूठी परंपरा, जानें कैसे होती है तैयार‌ और खास मान्यता

हर साल दीवाली का पर्व मनाया जाता है। जो देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली को दीपों का त्योहार भी कहा जाता है। उत्तराखंड के कुमाऊं में दीपावली पर महालक्ष्मी की खास गन्ने की मूर्ति बनाई जाती है।

गन्ने से तैयार की जाती है मां लक्ष्मी

पहाड़ में गन्ने के तने से मां लक्ष्मी की प्रतिमा बनाने की परंपरा काफी खास है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह परंपरा सत्रहवीं शताब्दी से चल रही है। इस मौके पर दीपावली पर दिन में मां लक्ष्मी की प्रतिमा बनाई जाती है। मां को गन्ने के तने से तैयार किया जाता है। इसके साथ ही मां को आभूषणों और नये वस्त्रों से सजाया जाता है। रात्रि में घर-घर में मां लक्ष्मी की विधि- विधान से पूजा की जाती है। गन्ने को मां लक्ष्मी, श्री, धन का स्वरूप माना जाता है।

खास है यह मान्यता

गन्ने की लक्ष्मी बनाने के पीछे की मान्यता ये है कि मानस खंड और पुराणों में गन्ने को काफी शुभ और फलदायक माना जाता है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी को भी गन्ना बेहद ही पसंद है। इसलिए पूरे कुमाऊं में लक्ष्मी की मूर्ति गन्ने से बनाई जाती है।