इंदौर में देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउण्ड में स्थापित एशिया के सबसे बड़े जैविक अपशिष्ट से बायो सीएनजी प्लांट का पीएम मोदी ने शनिवार को वर्चुअली लोकार्पण किया। पीएम मोदी इस कार्यक्रम में दिल्ली से वर्चुअली जुड़े। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम मोदी द्वारा एशिया के सबसे बड़े बायो सी.एन.जी. प्लांट को मध्य प्रदेश में लगाने के लिए आभार जताया और यह विश्वास दिलाया कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में केंद्र सरकार विशेषकर पीएम मोदी के वैश्विक प्रयासों में मध्य प्रदेश राज्य के सभी जनों का पूरा सहयोग उन्हें मिलता रहेगा।
शहर के ट्रेंचिंग ग्राउण्ड में 550 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के बायो सीएनजी प्लांट स्थापित
पीएम मोदी की वेस्ट-टू-वेल्थ की अवधारणा को साकार करने तथा स्वच्छता के क्षेत्र में नवाचार के उद्देश्य से इंदौर नगर निगम द्वारा गीले कचरे के निपटान के लिए शहर के ट्रेंचिंग ग्राउण्ड में 550 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के बायो सीएनजी प्लांट स्थापित किया गया है। यह प्लांट संपूर्ण एशिया महाद्वीप में जैविक अपशिष्ट से बायो सीएनजी का सबसे बड़ा तथा देश का पहला प्लांट है।
पी.पी.पी. मॉडल पर आधारित बायो सीएनजी प्लांट
यह बायो सीएनजी प्लांट पी.पी.पी. मॉडल पर आधारित है। इस प्लांट में प्रतिदिन 550 एमटी गीले कचरे (घरेलू जैविक कचरे) को उपचारित किया जाएगा, जिससे 17 हजार 500 किलोग्राम बायो सी.एन.जी. गैस तथा 100 टन उच्च गुणवत्ता की आर्गेनिक कम्पोस्ट का उत्पादन होगा।
बायो सीएनजी का कहां होगा इस्तेमाल
इस प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायो सीएनजी में से 50 प्रतिशत गैस नगर निगम, इंदौर को लोक परिवहन की संचालित बसों के उपयोग के लिए उपलब्ध होगी। शेष 50 प्रतिशत गैस विभिन्न उद्योग एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को विक्रय की जा सकेगी।
2 साल में देश के 75 बड़े नगर निकायों में बनाए जाएंगे “गोबर-धन संयंत्र”
पीएम मोदी ने बायो-सीएनजी संयंत्र “गोबर-धन संयंत्र” का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा कि आने वाले दो वर्षों में देश के 75 बड़े नगर निकायों में इस प्रकार के गोबरधन बायो-सीएनजी संयंत्र बनाने पर काम किया जा रहा है। ये अभियान भारत के शहरों को स्वच्छ बनाने, प्रदूषण रहित बनाने, स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बहुत मदद करेगा।