भारत में आभूषणों पर हॉलमार्क अंकित करने के कार्य में लगातार प्रगति हो रही है। इसी को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड (बीआईएस) के महानिदेशक ने कहा,की “हॉलमार्किंग योजना को बड़ी सफलता मिल रही है। अल्प अवधि में ही 1 करोड़ से अधिक आभूषणों पर हॉलमार्क अंकित करने का कार्य पूरा कर लिया गया है।” उन्होंने कहा कि इसी अवधि के दौरान, 90,000 से अधिक आभूषण-निर्माताओं ने रजिस्ट्रेशन भी कराया है।
एचयूआईडी-आधारित हॉलमार्क सभी के लिए फायदे का सौदा
स्पष्ट है कि उपभोक्ता कार्य मंत्रालय की हॉलमार्किंग योजना को कितनी कारगर सिद्ध हो रही है। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि आभूषण-निर्माताओं के समर्थन और सहयोग के कारण इस योजना को बड़ी सफलता मिली है, जो इस तथ्य से परिलक्षित होती है कि पंजीकृत आभूषण-निर्माताओं की संख्या बढ़कर 91,603 हो गई है।
1 जुलाई से 20 अगस्त तक हॉलमार्क अंकित किए गए आभूषणों की संख्या हुई इतनी
गौरतलब हो 1 जुलाई से 20 अगस्त तक हॉलमार्क के लिए प्राप्त एवं हॉलमार्क अंकित किए गए आभूषणों की संख्या क्रमशः एक करोड़ सत्रह लाख और एक करोड़ दो लाख हो गई है। हॉलमार्क के लिए अपने आभूषण भेजने वाले आभूषण-निर्माताओं की संख्या 1 जुलाई से 15 जुलाई के दौरान 5,145 से बढ़कर 1 अगस्त से 15 अगस्त के दौरान 14,349 हो गई है और 861 एएचसी ने एचयूआईडी आधारित प्रणाली के तहत हॉलमार्क अंकित करने का कार्य शुरू कर दिया है।
एचयूआईडी-आधारित हॉलमार्क सभी के लिए फायदे का सौदा है
बताना चाहेंगे कि एचयूआईडी-आधारित हॉलमार्क सभी के लिए फायदे का सौदा है, क्योंकि यह उद्योग के कामकाज में पारदर्शिता लाता है और उपभोक्ताओं को उनके पैसे के बदले सही उत्पाद प्राप्त करने का अधिकार सुनिश्चित करता है। साथ ही यह इंस्पेक्टर राज की संभावना को कम करता है।