आज 13 जनवरी है। हर वर्ष पौष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। इस एकादशी को वैकुंठ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
इस व्रत के पुण्य प्रताप से मिलता है संतान प्राप्ति का फल-
एकादशी तिथि भगवान विष्णु को प्रिय होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। भगवान विष्णु की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करनी चाहिए। माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। संतान प्राप्ति की कामना करने वाले जातकों को पौष पुत्रदा एकादशी जरूर करनी चाहिए। इस व्रत के पुण्य प्रताप से दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है।
यह है एकादशी का शुभ मुहूर्त-
एकादशी तिथि 12 जनवरी को शाम 4 बजकर 49 मिनट पर प्रारंभ हुई, जो कि 13 जनवरी (गुरुवार) को शाम 7: 32 मिनट पर समाप्त होगी। यह व्रत उदया तिथि में 13 जनवरी को रखा जाएगा। इसलिए व्रत का पारण 14 जनवरी को होगा। एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद और द्वादशी तिथि के समापन से पूर्व करने का विधान है। पौष एकादशी व्रत के पारण का समय 14 जनवरी, शुक्रवार को सुबह 7:15 मिनट से सुबह 9:21 मिनट तक है।