सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय मुख्यालय में विश्वविद्यालय का दूसरा स्थापना दिवस मनाया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नरेंद्र सिंह भंडारी, शोध एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक प्रो0 जगत सिंह बिष्ट, परीक्षा नियंत्रक प्रो0 सुशील कुमार जोशी,प्रो.डी.के. भट्ट (वरिष्ठ आचार्य) की उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट (कुलसचिव) ने संचालन करते हुए विश्वविद्यालय स्थापना दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की विस्तार से रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने विश्वविद्यालय की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
शोध एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक प्रो0 जगत सिंह बिष्ट ने स्थापना दिवस के अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि माननीय कुलपति जी की दूर दृष्टि के कारण आज यह विश्वविद्यालय अपना आकार ग्रहण कर चुका है। यहां शोध, परीक्षा तंत्र विकसित हो चुका है। यह विश्वविद्यालय एक जीवंत विश्वविद्यालय के रूप में बेहतर काम कर रहा है। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेमिनार, वेबिनार, गोष्ठियों, जनजागरूकता कार्यक्रम के साथ यह विश्वविद्यालय श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शुमार हो रहा है। उन्होंने सभी को बधाई दी।
विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक हमने कई उपलब्धियों को प्राप्त किया है
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक हमने कई उपलब्धियों को प्राप्त किया है। हमने कर्मनिष्ठ होकर बेहतर से बेहतर काम किये हैं। हमने नवीन शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्य किया है। सकारात्मक सोच के साथ हमने विश्वविद्यालय को ख्यातिप्राप्त विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने में निष्ठा से कार्य किया है। विश्वविद्यालय के शोध एवं परीक्षा प्रभाग ने विश्वविद्यालय की छवि को बढ़ाने में अपना योगदान दिया है। उन्होंने इसके लिए शोध निदेशक, परीक्षा नियंत्रक की सराहना की। प्रो. भंडारी ने कहा कि हमने बोर्ड ऑफ स्टडीज, कार्य परिषद की बैठकें हो गयी हैं, कई समितियां बेहतर काम कर रही हैं। क्रीड़ा क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर हमने बहुत तरक्की की है। अकादेमिक गतिविधियों को लेकर यहां की प्रतिभाओं ने क्षमता दिखाई है।
विश्वविद्यालय की नींव को मजबूत बनाने में आप सभी का सहयोग जरूरी मिला है
विश्वविद्यालय अपनी संस्कृति, अपनी परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में इस विश्वविद्यालय के हरेला पीठ, ग्रीन ऑडिट ने सराहनीय कार्य किया है। आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर विश्वविद्यालय ने कार्य किया है। हमने वोकेशनल पाठ्यक्रमों के संचालन किया है, कई अंतराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ शोध कार्यों को गति देने के लिए एमओयू किये हैं।
इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक प्रो0 सुशील कुमार जोशी ने कहा कि विश्वविद्यालय की नींव को मजबूत बनाने में आप सभी का सहयोग जरूरी मिला है। आगे भी आप सभी का सहयोग जरूरी है। उन्होंने सभी को स्थापना दिवस की बधाई दी है।
दूसरे स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रो डी के भट्ट (वरिष्ठ शिक्षक), डॉ मुकेश सामंत(सहायक परीक्षा नियंत्रक), डॉ ममता असवाल (समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना), डॉ ललित जोशी (विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी), श्री विपिन जोशी (वैयक्तिक सहायक),श्री त्रिलोक सिंह बिष्ट (प्रधान सहायक) को उत्कृष्ट योगदान देने के लिए शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
हर घर झंडा’की शुरुआत की
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मियों को भारत का झंडा देकर ‘हर घर झंडा’की शुरुआत की।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर शोध एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक प्रो0 जगत सिंह बिष्ट, परीक्षा नियंत्रक प्रो0 सुशील कुमार जोशी, डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट (कुलसचिव), प्रो.डी.के. भट्ट, डॉ. मुकेश सामंत (सहायक परीक्षा नियंत्रक), श्री लियाकत अली (विश्वविद्यालय क्रीड़ा प्रभारी), डाॅ0 भाष्कर चौधरी (सहायक परीक्षा नियंत्रक), डाॅ0 ममता असवाल (समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना), डाॅ0 ललित चंद्र जोशी (विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी), श्री विपिन चंद्र जोशी (वैयक्तिक सहायक), देवेंद्र पोखरिया, कैलाश छिमवाल (सहायक कुलसचिव), श्री प्रकाश सती (सहायक कुलसचिव), त्रिलोक बिष्ट (प्रधान सहायक), एम0एम0पांडे, सुरेश खेतवाल, देवेंद्र पोखरिया, गोविंद मेर, विनीत कांडपाल, यथार्थ साह, आलोक वर्मा, ईश्वर बिष्ट, राकेश साह, हेमा डसीला, दीवान फत्र्याल, दीवान, गोविंद रावत, रवि अधिकारी, सुरेश बघरी, पवन रावल, रवींद्र बिष्ट, हेमा डसीला, नेहा पांडे, कुंदन, रंजीत सिराड़ी आदि उपस्थित रहे।