जानें कब है रुक्मिणी अष्टमी, शुभ मुहूर्त से लेकर जाने खास महत्व

आज 22 दिसंबर 2024 है। कल 23 दिसंबर है। कल रुक्मिणी अष्टमी है। हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। देवी रुक्मिणी को लक्ष्मी जी का अवतार माना जाता है‌। धार्मिक मान्यता है कि रुक्मिणी अष्टमी के दिन व्रत करने और देवी रुक्मिणी की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस दिन विशेष रूप से मां रुक्मिणी और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। 

कौन थी रुक्मिणी

रुक्मिणी भगवान कृष्ण की द्वारका में प्रथम धर्मपत्नी तथा पटरानी थीं । रुक्मिणी को लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता है । उन्होंने श्रीकृष्ण से प्रेम विवाह किया था। रुक्मिणी को भाग्य की देवी लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता है । जन्म पौराणिक आख्यानों के अनुसार, राजकुमारी रुक्मिणी का जन्म वैशाख 11 (वैशाख एकादशी) को हुआ था । यद्यपि एक सांसारिक रानी के रूप में जन्मी, देवी लक्ष्मी के अवतार के रूप में उनकी स्थिति पूरे पौराणिक साहित्य में वर्णित है ।

शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 23 दिसंबर की शाम 5 बजकर 7 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, रुक्मिणी अष्टमी 23 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी।

रुक्मिणी अष्टमी के दिन पूजा शुभ मुहूर्त

सूर्योदय- सुबह 05 बजरकर 20 मिनट से लेकर 7 बजकर 08 मिनट तक है।
ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 05:32 से लेकर 06:20 मिनट तक है।
अभिजित मुहूर्त- दोपहर में 12:00 से लेकर 12:41 मिनट तक है।
गोधूलि मुहूर्त- शाम में 05:27 से लेकर 05:55 मिनट तक है।