मेडिकल कालेज में स्वास्थ्य सुविधओं का दंश झेल रहे मरीजों से व्यवस्थाओं की पोल खुल रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में एक और नवजात को कॉलेज से हल्द्वानी रेफर किया गया। रास्ते में एंबुलेंस में ऑक्सीजन की सप्लाई तक ठप पड़ गई। जिसके चलते रास्ते से नवजात को वापस बेस लाया गया। जहां उसकी जान पर बनी हुई है। इधर रात को फिर से नवजात को हल्द्वानी रेफर किया गया जबकि स्वजन अपनी समस्या से किसी भी तरह अस्पताल में ही रात काटने की बात कर रहे थे ।
मेडिकल कालेज में वेंटिलेटर के अभाव में नवजात रेफर
बागेश्वर जिले के सीढ़ीखानी निवासी प्रदीप अपने सात दिन के नवजात बच्चे को रेफर होने पर बीते शनिवार को मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल लेकर आए थे। दो दिनों के उपचार के बाद भी बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ तो मंगलवार को उसे हायर सेंटर रेफर किया गया। एंबुलेंस से उसे हल्द्वानी ले जाया गया। लेकिन रास्ते में एंबुलेंस में लगाई ऑक्सीजन सप्लाई खराब हो गई। इस दौरान एंबुलेंस कर्मी और नवजात के स्वजनों के हाथ-पैर फूल गए। बच्चे को वापस बेस अस्पताल लाया गया। जहां नवजात को भर्ती कर दिया गया। प्रदीप ने बताया कि यहां वेंटिलेटर नहीं है। डॉक्टर वेंटिलेटर की जरूरत बताते हुए रेफर कर रहे हैं। रात में नौ बजे एंबुलेंस आनी है और उसमें फिर से बच्चे को हल्द्वानी भेजा जा रहा है। जबकि प्रदीप खराब मौसम का हवाला देकर किसी भी तरह सुबह तक यहां अस्पताल में उपचार करवाने का आग्रह कर रहा है। उन्होंने बताया कि वह सुबह अपने बच्चे को हल्द्वानी ले जाएंगे। लेकिन अस्पताल प्रशासन उन्हें अभी भेज रहा है। खराब मौसम में रात को रास्ते में दिक्कत हो सकती है। खबर लिखे जाने तक नवजात एनआईसीयू में ही भर्ती था ।
मामला संज्ञान में आया है, मुझे भी तीमारदार का काॅल आया था
प्रो. सीपी भैसोड़ा, प्राचार्य मेडिकल कालेज अल्मोड़ा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है, मुझे भी तीमारदार का काॅल आया था। मामले की जानकारी ली जा रही है। व्यवस्था की जाएगी।
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