17 सितंबर की सुबह नामीबिया से आठ चीते कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाए जाएंगे। उसी दिन पीएम मोदी भी मध्य प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी कुनो नेशनल पार्क में चीतों को रिहा करेंगे। उसके बाद दोपहर करीब 12 बजे वे कराहल, श्योपुर में महिला एसएचजी सदस्यों/सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों के साथ एसएचजी सम्मेलन में भाग लेंगे।केंद्र सरकार के सहयोग से देश में चीते के पुनर्वास की तैयारी चल रही है।मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रि-परिषद की बैठक में बताया कि 17 सितंबर को पीएम मोदी का जन्मदिन है और वह इस दिन मध्य प्रदेश पधारकर श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे चीतों का प्रवेश कराएंगे। उनके प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। श्योपुर में 7 हेलीपैड बनाए जा रहे हैं। इसमें 3 नेशनल पार्क के भीतर और चार हेलीपैड बाहर बन रहे हैं।
वाइल्ड चीता पुनर्वास दुनिया में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट
केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने इस विषय पर बात करते हुए कहा कि यह वाइल्ड चीता पुनर्वास दुनिया में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है। उन्होंने आगे बताया कि भविष्य में 25 से अधिक चीतों को दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से मध्य प्रदेश के कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चरणबद्ध तरीके से लाया जाएगा। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कहा कि शुरुआत में आठ चीते 17 सितंबर को कुनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचेंगे।
1952 में भारत से विलुप्त घोषित थे चीते
मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों का इंतजार अब खत्म होने वाला है।दरअसल, चीता को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। जिन चीतों को छोड़ा जाएगा, वे नामीबिया के हैं और उन्हें इस साल की शुरुआत में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के तहत लाया गया है। भारत में चीता का परिचय परियोजना चीता के तहत किया जा रहा है, जो दुनिया की पहली अंतर-महाद्वीपीय बड़े जंगली मांसाहारी अनुवाद परियोजना है। कुनो नेशनल पार्क में पीएम द्वारा जंगली चीतों की रिहाई भारत के वन्य जीवन और इसके आवास को पुनर्जीवित करने और विविधता लाने के उनके प्रयासों का हिस्सा है।
चीते की उपयोगिता
चीता भारत में खुले जंगल और घास के मैदान के पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में मदद करेगा। यह जैव विविधता के संरक्षण में मदद करेगा और जल सुरक्षा, कार्बन पृथक्करण और मिट्टी की नमी संरक्षण जैसी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे बड़े पैमाने पर समाज को लाभ होगा। पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के अनुरूप इस प्रयास से पर्यावरण विकास और पारिस्थितिकी पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय समुदाय के लिए आजीविका के अवसरों में वृद्धि होगी। चीता दुनिया का सबसे तेज रफ्तार से दौड़ने वाला जानवर है। ये 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। आज पूरी दुनिया में सिर्फ 7000 के करीब ही चीतें बचे हैं।
भविष्य में चीतों की संख्या को चरणबद्ध तरीकों से बढ़ाकर 25 किया जाएगा
विलुप्त हो चुकी प्रजाति के आठ चीते लाने के लिए मध्य प्रदेश और अफ्रीकी देश नामीबिया के बीच करार हुआ है। भविष्य में चीतों की संख्या को चरणबद्ध तरीकों से बढ़ाकर 25 किया जाएगा जिन्हें कूनो नेशनल पार्क में रखे जाने की योजना है। श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क करीब 750 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह स्थान चीतों के रहने के लिए अनुकूल है, क्योंकि हर चीते को 10 से 20 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र चाहिए होता है। इस हिसाब से कूनो सबसे अच्छी जगह रहेगी। यह अभ्यारण्य समतल और जंगल घना है जो अफ्रीकी चीतों के लिए अच्छा रहता है।