मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट कर गौला, शारदा, दाबका एवं कोसी नदी की वन स्वीकृतियों को विस्तारित एवं आगामी दस वर्षों तक नवीनीकृत करने हेतु संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।
किसानों के नदी तटीय अधिकारों के संरक्षण हेतु हटाया जाना आवश्यक
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय नदियों में जमा उपखनिज (आरबीएम) को बाढ़ नियंत्रण, वन एवं कृषि भूमि की सुरक्षा करने, आपदा प्रबन्धन के निवारणात्मक उद्देश्यों को पूरा करने, नदी तल के ऊपर उठने पर नियंत्रण पाने और किसानों के नदी तटीय अधिकारों के संरक्षण हेतु हटाया जाना आवश्यक है।
4 नदियों की वन स्वीकृति को 28 फरवरी 2023 तक बढ़ाया गया
नदियों से आरबीएम की उपलब्धता सिविल निर्माण कार्यों, धार्मिक और सामरिक रूप से आवश्यक सड़क और रेल नेटवर्क का विस्तार जैसे अति महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बहुत जरूरी है । जो लगभग 50000 स्थानीय और प्रवासी श्रमिकों को रोजगार भी प्रदान करता है. वर्तमान में भी वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 4 नदियों की वन स्वीकृति को 28 फरवरी 2023 तक बढ़ाया गया है ।
नदी और लोगों की आजीविका को बनाए रखने के लिए खनन जारी रहना चाहिए
सीएम धामी ने कहा उत्तराखंड की चार प्रमुख नदियां कोसी, गौला, शारदा और दाबका नदी में खनन की अनुमति को एक माह और फरवरी तक बढ़ा दिया गया है । मैंने वन मंत्री से 10 साल के लिए अनुमति बढ़ाने का अनुरोध किया है । बहुत से लोगों की आजीविका नदी खनन पर निर्भर है । यदि बरसात के मौसम में खनन नहीं होता है तो जलस्तर बढ़ जाता है । इससे भविष्य में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाता है । नदी और लोगों की आजीविका को बनाए रखने के लिए खनन जारी रहना चाहिए ।वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सीएम धामी शीघ्र उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया ।