केन्द्र और प्रदेश में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा देकर आम जनता की भावनाओं के साथ खेल खेलने वाली भाजपा की सरकार में जनता कमरतोड़ महगाँई, बेतहाशा भष्ट्राचार, कुप्रबंधन ऒर अराजकता का भय, प्रदेश के निर्णायक मतदाता युवा बेरोजगारों के साथ बड़ा धोखा जैसे धरातलीय संघर्षों से जूझ रही हैं।
राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखण्ड राज्य में विकास को गति देने के लिए कार्मिकों की कमी रही
राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखण्ड राज्य में विकास को गति देने के लिए कार्मिकों की कमी रही हैं। उत्तराखण्ड की प्रथम निर्वाचित एन डी तिवारी सरकार ने अपने कार्यकाल लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी दी थी, उसके बाद हरीश रावत सरकार ने बड़े पैमाने पर युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के दरवाजे खोले लेकिन, विगत छः सालों से त्रिवेन्द्र रावत सरकार और धामी सरकार ने विशेषकर युवाओं और प्रदेश की जनता को लोकलुभावने नारों से उनकी भावनाओं के साथ खेल रचकर बड़ा खिलवाड़ किया हैं।
धामी सरकार केवल विज्ञापनों के माध्यम से विकास की सस्ती लोकप्रियता का श्रेय ले रही
प्रदेश की धामी सरकार केवल विज्ञापनों के माध्यम से विकास की सस्ती लोकप्रियता का श्रेय ले रही हैं। जबकि प्रदेश के धरातल पर जनता सबसे बड़े बुनियादी समस्याओं से जूझ रही हैं। विधायक तिवारी ने कहा कि पिछले छः साल से राज्य के युवा बेरोजगार परीक्षाओं की तैयारी में जुटे थे लेकिन सरकार के सिस्टम में सरकार चलाने वाले दल के जिम्मेदार लोगों द्वारा छेद करके परीक्षाओं के पेपर लीक कराये, पकड़े गये अपराधियों के खिलाफ स्वयं मुख्यमंत्री धामी ने कठोर कानूनी कार्यवाही की बात कही थी, लेकिन सिस्टम लचीला होने के कारण वो अपराधी जेल से छूट चुके है। अगर सरकार ने विपक्षी दल काँग्रेस ऒर आमजनमानस की सी बी आई जाँच की माँग पर गम्भीरता दिखाई होती तो आज जो अपराधी जेल से छूट चुके है। उनके साथ- साथ ऊँचे रसूख रखने वाले सफेदपोश भी जेल के भीतर होते ऒर इन अपराधियों पर सी बी आई का डर रहता। लेकिन सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले अपराधियों पर हल्की कार्यवाही करके उनके बचने के रास्ते तैयार किये। विधायक तिवारी ने राजनैतिक तंज कसते हुए कहा कि अगले माह धामी सरकार का एक साल पूरा होने जा रहा हैं। ऒर पूरे साल पेपर पर पेपर लीक और भष्ट्राचार का रिकार्ड जैसा बदनुमा दाग भाजपा सरकार पर लग चुका हैं ।
प्रदेश की सरकार कार्मिकों के बड़ी रिक्तियों पर गम्भीर नहीं
वर्तमान में बड़ी संख्या में विभागों से कार्मिक सेवा पूरी करके सेवानिवृत्त हो रहे हैं और विभागों में बड़ी संख्या में मूल पद रिक्त हो चुके है। प्रदेश के विभागों की हालात कार्मिकों के नहीं होने से बदहाल हो रही हैं। जनकल्याणकारी योजनाओं का जनता को सही समय पर लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। वहीं निर्माण कार्य करने वाले विभागों में तकनीकी विशेषज्ञों अवर अभियन्ता एंव सहायक अभियन्ताऒं के बड़ी संख्या पद रिक्त हैं। जिसके कारण विकास के अनेक कार्य समय अनुसार आरम्भऔर पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं लेकिन प्रदेश की सरकार कार्मिकों के बड़ी रिक्तियों पर गम्भीर नहीं हैं। एक के बाद एक परीक्षाओं को रद्द करके धामी सरकार प्रदेश में युवा शिक्षित- प्रशिक्षित बेरोजगारों की माँगों पर गम्भीर होने के बजाय नॊकरी की माँग कर रहे बेरोजगारों पर पुलिस बल का रॊब दिखाकर लाठी-डन्डों से प्रदेश के युवा भविष्य के ऊपर दमनकारी नीति चल रही हैं। जो कि बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
खस्ताहाल कानून व्यवस्था के हाल खुद ब खुद बयां हो रहे
धामी सरकार की खस्ताहाल कानून व्यवस्था के हाल खुद ब खुद बयां हो रहे कि सत्ताधारी दल के वरिष्ठ विधायक बिशन सिंह चुफाल को जान से मारने की खुली धमकी मिल रही हैं। प्रदेश के मैंदानी इलाके से लेकर पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों में अपराधी घटनायें हत्या, बलात्कार, लूटपाट आदि में लगातार बढोत्तरी हो रही हैं। लेकिन धामी सरकार बुनियादी घटनाओं पर लापरवाह बनी हैं।
अल्मोड़ा विधानसभा की ज्यादातर मुख्य सड़कें गडढों में तब्दील हो चुकी
मुख्यमंत्री ने तीन बार पूरे प्रदेश की सड़कों को गडढा मुक्त करने के कड़े आदेश दे दिये हैं। लेकिन विभागों द्वारा मुख्यमंत्री के आदेश का मखौल उडा़ दिया हैं। अल्मोड़ा विधानसभा की ज्यादातर मुख्य सड़कें गडढों में तब्दील हो चुकी हैं। आम जनता लगातार गड्ढा युक्त सड़कों में जानलेवा सफर कर रहे हैं, लेकिन धामी सरकार उदासीन हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आज हालात बहुत खराब हो चुकी हैं। विभागों में आम जनता एंव फरियादियों के आवेदन पर कोई त्वरित कार्यवाही नहीं हो रही हैं। अधिकारियों ने भी जनता से दूरी बना ली हैं।
भष्ट्राचार पर नकेल कसने के लिए कडा़ कानून बनाने के लिए आवाज उठायेगें
विधायक तिवारी ने कहा कि प्रस्तावित गैरसैंण बजट सत्र में वह प्रदेश के युवा एंव उत्तराखण्ड के भविष्य बेरोजगारों के लिए प्रतियोगी परिक्षाओं को पारदर्शिता के साथ शीघ्र कराने के लिए एंव प्रतियोगी परीक्षाओं के कडा़ नकल विरोधी कानून लाने के लिए विधानसभा के भीतर धामी सरकार के समक्ष प्रश्न उठायेगें और युवाओं को उम्र सीमा में छूट सहित भष्ट्राचार पर भी नकेल कसने के लिए कडा़ कानून बनाने के लिए आवाज उठायेगें।