नगर में नालियों में बिछीं पानी की लीकेज लाइनों ने नगरवासियों की दिक्कतों को और बढ़ा दिया है। नालियों से गुजर रहीं लीकेज लाइनों से जहां हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है, जिससे घरों में दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। बावजूद इसके इन्हें ठीक करने के प्रयास नहीं हो रहे। नगर की 60 हजार से अधिक की आबादी को प्यास बुझाने के लिए हर रोज 16 एमएलडी पानी की जरूरत है लेकिन कोसी सहित अन्य योजनाओं से 9 से 10 एमएलडी पानी ही नगर में पहुंच रहा है। इससे उलट लीकेज लाइनों से हर रोज करीब 30 हजार लीटर पानी की बर्बादी का अनुमान है।
जहां लाइनें लीकेज हैं, वहां जल्द टीम भेजकर इन्हें ठीक किया जाएगा
ईई जल संस्थान अरुण कुमार सोनी का कहना है कि जल संस्थान लगातार लीकेज लाइनों की मरम्मत का काम करता है। जहां लाइनें लीकेज हैं, वहां जल्द टीम भेजकर इन्हें ठीक किया जाएगा।
छह हजार से अधिक पेयजल लाइन खुली नालियों से होकर हैं गुजरतीं
नगर में छह हजार से अधिक पेयजल लाइन खुली नालियों से होकर गुजरतीं हैं। धारानौला, मालरोड, दुगालखोला सहित कई स्थानों पर नालियों से गुजर रहीं पेयजल लाइनों में लीकेज की समस्या है। इनसे हर रोज हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है। इन पेयजल लाइनों में नालियों की गंदगी घुस रही है जिससे घरों में दूषित पानी पहुंच रहा है।ऐसे में गर्मी के मौसम में बीमारी का खतरा बढ़ गया है। इन लीकेज लाइनों को ठीक करने के केवल दावे ही किए जाते हैं । नगर में ड्रेनेज सिस्टम के तहत बनी नालियों में पेयजल लाइनें बिछाई गई हैं। ऐसे में नालियों में पाइपों का जाल बिछा है जिससे इनकी सफाई करना चुनौती बन गया है। ऐसे में फौरी तौर पर नालियों की सफाई कर औपचारिकता निभाई जा रही है जिसका खामियाजा लोगों को बरसता के मौसम में भुगतना पड़ता है।