उत्तराखंड: फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में उप वित्त नियंत्रक बर्खास्त

फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में उप वित्त नियंत्रक के पद तक पहुंचे सत्यप्रकाश कुरील को बर्खास्त कर दिया गया है।कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान की संस्तुति पर मुख्य कार्मिक अधिकारी बीएल फिरमाल ने यह कार्रवाई की है।

जानें पूरा मामला

पंत विवि में सत्य प्रकाश कुरील ने 30 अप्रैल 1998 को सहायक लेखाकार पद पर कार्यभार ग्रहण किया। इसके बाद कुरील ने वर्ष 2005 में विवि में सीधी भर्ती से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित लेखाधिकारी के एक पद के लिए भी आवेदन किया था। उन्होंने किच्छा तहसीलदार की ओर से छह अप्रैल 2005 को जारी अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र संलग्न किया था।नियुक्ति मिलने के बाद उन्होंने पांच सितंबर 2005 को लेखाधिकारी के पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया। 25 अक्तूबर 2010 को उनकी उप वित्त नियंत्रक के पद पर पदोन्नति हो गई। दिसंबर 2017 में विवि के कुछ कर्मचारियों ने कुरील के खिलाफ कुलाधिपति, कुलपति व निदेशक प्रशासन को शिकायती पत्र भेजकर उनके जाति, निवास प्रमाणपत्र फर्जी बताते हुए जांच की मांग की थी।

विवि प्रशासन ने कुरील को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया

किच्छा तहसीलदार ने 16 फरवरी 2018 को उनके कार्यालय से जारी कुरील का जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया था। इसके विरोध में कुरील ने हाईकोर्ट में शासन के सचिव सोशल वेलफेयर सहित किच्छा एसडीएम, तहसीलदार और पंत विवि को पार्टी बनाकर कोर्ट से स्टे हासिल कर लिया। करीब पांच साल चली सुनवाई के बाद एक मई को हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार तिवारी ने स्टे खारिज कर केस का निस्तारण कर दिया। सोमवार को कोर्ट के निर्णय की कॉपी आते ही विवि प्रशासन ने कुरील को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। शुरू से वित्तीय अनियमितताओं में घिरे रहे कुरील की वर्तमान में वेतन से कटौती चल रही है।इसके साथ ही सुरक्षाधिकारी को कुरील के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।