अल्मोड़ा: एसएसजे परिसर में आयोजित सामुदायिक कार्यशाला में एम.एड. प्रथम  एवं तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से छात्रों को किया जागरूक

एस. एस .जे.परिसर अल्मोड़ा के शिक्षा संकाय में पांच दिवसीय सामुदायिक कार्यशाला का आयोजन २१ मार्च २०२३ से २५ मार्च २०२३ तक किया जा रहा है।

कार्यक्रम का आयोजन

कार्यशाला के चतुर्थ दिवस का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर  पूजा प्रकाश तथा  ललिता रावल द्वारा किया गया। एम.एड. तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी हेमा कपकोटी और हेमा जोशी द्वारा प्रथम दिवस के दोनों सत्रों का प्रतिवेदन संक्षिप्त में प्रस्तुत किया गया।

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से छात्रों ने किया जागरूक

कार्यशाला के चतुर्थ दिवस के प्रथम सत्र में सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत एम.एड. प्रथम सेमेस्टर एवं तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न सामाजिक विषय जैसे सामाजिक मीडिया का दुरुपयोग, मासिक धर्म एवं महिला स्वास्थ्य, लिंग रूढ़िवादिता ,इत्यादि में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से छात्रों को जागरूक किया गया।
   कार्यशाला के चतुर्थ दिवस के द्वितीय सत्र की शुरुवात  प्रोफेसर भीमा मनराल द्वारा विषय विशेषज्ञ डॉ. सरिता पांडे, वरिष्ठ प्रवक्ता डाइट अल्मोड़ा का बैज अलंकरण और पुष्प का पौधा भेंट कर की गई। इसके पश्चात शिक्षा संकाय की संकायाध्यक्ष महोदया द्वारा डॉ. सरिता पांडे का स्वागत उनका परिचय देकर किया गया। साथ ही साथ महोदया के द्वारा छात्रों को गतिविधियों में अपना शत प्रतिशत देने के लिए प्रेरित किया गया।

कर लो हैप्पीनेस मुट्ठी में

विषय विशेषज्ञ डॉ. सरिता पांडे ने अपने व्याख्यान प्रारंभ करते हुए छात्रों को प्रसन्नता के विज्ञान से रूबरू कराया। उन्होंने बताया की हैप्पीनेस या प्रसन्नता का कारण 50% आनुवांशिक, 10% बाह्य कारक और 40% उदेश्यपूर्ण गतिविधियों पर निर्भर करती है। उन्होंने एम. एड. के विद्यार्थियों को एक शिक्षक के बतौर कक्षा कक्ष में छात्रों को प्रसन्न रखने के लिए अपनाये जाने वाले तरीको से अवगत कराया, जिससे छात्रों में बेहतर अधिगम हो सकता है। उनके द्वारा बताई गई विधियों में हार्टफुलनेस, माइंडफुलनेस इत्यादि शामिल थे।
कार्यशाला के अंतिम दिवस में होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी असिस्टेंट प्रोफेसर सरोज जोशी और असिस्टेंट प्रोफेसर ललिता रावल द्वारा छात्रों के साथ चर्चा की गई।

यह लोग रहे उपस्थित

इस अवसर पर एम. एड. तृतीय सेमेस्टर के भारती,  पूर्णिमा, कार्तिकी, पवन, पूजा, किरन इत्यादि प्रशिक्षणार्थी व शिक्षा संकाय के समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे ।