उत्तराखंड के परिवहन विभाग से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। परिवहन विभाग द्वारा समस्त डीपो सहायक महाप्रबंधक को दिव्यांग जनों को निःशुल्क यात्रा सुविधा कराने के संबंध में दिशानिर्देश दिए गए हैं।

निम्न दिव्यांगजन के साथ उसके सहयोगी / सहयात्री को दिव्यांगजन की तरह निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध होगी
आदेश में कहा गया है कि दिव्यांगजनों एवं उनके सहवर्ती से अधोहस्ताक्षरी को कई परिवाद प्राप्त होते रहते है कि बस के परिचालक द्वारा सहवर्ती को निःशुल्क यात्रा सुविधा दिये जाने हेतु परिचालक द्वारा दिव्यांगजन से 100 प्रतिशत दिव्यांगजन का प्रमाण पत्र मांगा जाता है।इस संबंध में अवगत कराना है कि उत्तराखण्ड राज्य सडक परिवहन निगम की बसों में दिव्यांगजनों को निःशुल्क यात्रा सुविधा नियमावली 2009 के बिन्दु संख्या 08 में उल्लिखित है कि यात्रा के समय निम्न दिव्यांगजन के साथ उसके सहयोगी / सहयात्री को दिव्यांगजन की तरह निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध होगी:-
(क) जो पूर्ण रूप से अंधे हो या अल्पदृष्टि (लो विजन) से ग्रस्त हों,
(ख) जो पूर्ण रूप से मूक व बधिर हों,
(ग) जिनके एक हाथ या पैर अथवा दोनों हाथ या दोनों पैर पूर्ण रूप से कटे हों; (घ) जिनके एक हाथ या एक पैर या दोनों हाथ या दोनों पैर अपंग (पैरालाइज्ड) हों;
(ड) जो मानसिक रूप से मंदबुद्धि हो;
(च) जो मानसिक रूप से रुग्ण हों;
उक्त बिन्दु में प्रतिशत का कहीं भी उल्लिख नहीं है।
2009 के बिन्दु सं08 के तहत निःशुल्क यात्रा सुविधा दी जाये
आदेश में कहा गया है कि अतः आपकों नियमावली 2009 की एक प्रति संलग्न कर इस निर्देश के साथ प्रेषित की जा रही है कि जो दिव्यांगजन बिन्दु सं0 08 में उल्लिखित मानकों को पूर्ण करता है सिर्फ उसी के सहवर्ती को नियमावली 2009 के बिन्दु सं08 के तहत निःशुल्क यात्रा सुविधा दी जाये तथा नियमावली 2009 के बिन्दु सं0 16 के अनुसार भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।