अल्मोड़ा: अचेत पड़े बंदर को बचा कर डॉ.योगी ने दिया नया जीवन दान..

आज फिर डा.ललित योगी ने एक बीमार बंदर को दुबारा जीवन देकर संवेदनशीलता का बखूबी परिचय दिया है । डॉ. ललित योगी का प्रकृति के लिए प्रेम निराला है ।

अचेत पड़े बंदर को मिला नया जीवन

घटना करीबन रविवार दोपहर दो बजे की है,कल घुमक्कड़ी के दौरान डॉ.ललित योगी को अल्मोड़ा से  घुरसों गांव  से कालीमठ क्षेत्र में जाने वाले रास्ते पर एक बंदर बीमार एवं अचेत अवस्था में मिला । यह देखकर डॉक्टर योगी का हृदय पसीज गया और उन्होंने बिना कुछ सोचे पानी एवं संतरा चने खिलाकर बंदर को थोड़ी सी मदद पहुँचायी।यह सब खाकर बंदर की जान में जान आई । इसके बाद डॉ. योगी ने वन दरोगा  भुवन टम्टा से इसको रेस्क्यू करने हेतु फ़ोन किया। उन्होंने वन रक्षक इंद्रा मर्तोलिया का फ़ोन नम्बर देकर उनके क्षेत्र का हवाला दिया।इसके पश्चात उन्होंने वन दरोगा भुवन टम्टा को दुबारा फ़ोन मिलाया, पर उनका नम्बर दुबारा नहीं उठा। वन रक्षक इंद्रा मर्तोलिया  को पुनः फ़ोन किया, उन्होंने आधा घंटे रुकने को कहा। इसके बाद चार बजे  वन दरोगा इंद्रा मर्तोलिया श्रमिक नरेंद्र बाराकोटी आए और फिर बंदर को जाल से रेस्क्यू कर रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया।अंततः वन दरोगा इंद्रा मर्तोलिया, वन रक्षक दिनेश सिंह रावत एवं श्रमिक नरेंद्र बाराकोटी  आये। डॉ. ललित योगी द्वारा  इन तीनो ही जिम्मेदारों का आभार व्यक्त किया गया ।

जितनी डॉक्टर योगी की तारीफ की जाए उतनी कम..

बंदरों को नया जीवन दान देने के लिए डॉ. योगी द्वारा आभार व्यक्त किया गया । लेकिन इसमें जितनी डॉक्टर योगी की तारीफ की जाए कम होगी क्योंकि अल्मोड़ा में बंदरों का आतंक रहता है और इससे जनता वैसी ही दुखी रहती है । ऐसे में, उन्हें अगर बंदर अचेत अवस्था में मिल भी गया होता तो वह,यह कह कर छोड़ देते कि बहुत नुकसान पहुंचाते हैं,ये भी भुगतेंगे । लेकिन डॉ .योगी ने ऐसा ना कर फिर से संवेदनशीलता का बखूबी परिचय दिया है । यही बातें उनको अन्यत्र से भिन्न बनाती हैं ।