ईको-टूरिज्म से राजस्व में हुई वृद्धि, लाखों को मिला रोजगार

टूरिज्म से जहां एक ओर लोगों को रोजगार मिलता है वहीं राजस्व में भी वृद्धि होती है। इसी को देखते हुए कोयला मंत्रालय ने कोयला भंडारों के समाप्ति के बाद ईको-पार्क विकसित करने और खान पर्यटन को बढ़ावा देने के फैसला किया। देश के विभिन्न हिस्सों में आठ इको-पार्क बनाए गए हैं और ऐसे दो और पार्क अगले साल मतलब 2023 तक पूरे हो जाएंगे।

क्या है ईको-टूरिज्म

ईको टूरिज्म का मतलब प्राकृतिक सौंदर्य के करीब जाकर उसका आनंद लेना है। ईको टूरिज्म में पर्यटक प्राकृतिक क्षेत्रों एवं प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर क्षेत्रों की यात्रा करतें हैं। ऐसी जगहों पर प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण के सभी उपाय किए जाते हैं। आज के समय में लोग ऐसे क्षेत्रों में जाना चाहते हैं, जहां भरपूर प्राकृतिक सुंदरता हो। अगर आसान शब्दों में कहा जाए तो ईको-टूरिज्म का तात्पर्य प्रकृति और पर्यावरण की देखभाल एवं उसके संरक्षण करने से है।

खनन क्षेत्रों में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा

कोयला भंडारों के समाप्ति के बाद उस जमीन को उपयोग में लाने के लिए सरकार ने खान पर्यटन विकसित करने की योजना बनाई। खनन क्षेत्रों में ईको-पार्क, वाटर स्पोर्ट्स, भूमिगत यात्रा, गोल्फ मैदान,मनोरंजन के अवसर, adventure आदि के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने की अच्छी संभावनाएं होती है। पिछले कुछ वर्षों में, कोयला कंपनियों ने sustainable mine closure practices से ईको-पार्क विकसित किए हैं। ये खनन क्षेत्र अब स्थिर, पर्यावरणीय रूप से sustainable हैं और सौंदर्य की दृष्टि से एक अत्यंत खूबसूरत स्थल प्रस्तुत करते हैं।

रोजगार की भी संभावना

खान पर्यटन विकसित होने से जहां एक ओर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ते है तो वहीं राजस्व की भी प्राप्ति होती है। खान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ईको-पर्यटन का विकास करना कोयला मंत्रालय के एसडीसी प्रकोष्ठ एवं कोयला कंपनियों द्वारा ध्यान दिए जाने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। आने वाले 3-4 सालों में, 30 नए ईको-पर्यटन स्थल बनाने एवं 4 मौजूदा ईको-पार्क का विस्तार करने की परिकल्पना की गई है। ईको-पार्क हेतु स्थल चिह्नित कर लिए गए हैं एवं कोयला कंपनियों द्वारा पहले से ही प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।

सरकार का प्रोत्साहन

केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने अक्टूबर, 2022 में बाल गंगाधर तिलक ईको-पार्क का उद्घाटन किया था। NLCIL ने खान-I और खान-II में ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में पांडिचेरी पर्यटन विकास निगम (PTDC) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा सिंगरौली ईको-पर्यटन सर्किट को प्रोत्साहन देने के लिए NLC और मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के बीच एमओयू और WCL द्वारा महाराष्ट्र के पर्यटन निदेशालय के साथ एक अन्य एमओयू भी कोयला क्षेत्र में ईको-पर्यटन को बढ़ावा देंगे। सतत विकास और हरित पहल के अनुरूप कोयला/लिग्नाइट PSU ने इस वर्ष जनवरी से नवंबर तक 2300 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 47 लाख पौधे लगाए हैं ।