उत्तराखंड में पटवारी पुलिस का राज खत्म कर दिया गया है। उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड समेत कई अन्य मामलों को देखते हुवे राजस्व पुलिस पर उठ रहे सवालों के बाद सरकार ने इस मामले में बड़ा कदम उठाया गया है।
1800 गांवों में पटवारी सिस्टम खत्म
धामी सरकार का बड़ा फैसला, सामने आया है जिसके अंतर्गत 1800 गांवों में पटवारी सिस्टम खत्म कर दिया गया है । बता दें कि जिसमें देहरादून जिले के 4, उत्तरकाशी के 182, चमोली जिले के 262, टिहरी जिले के 157 और पौड़ी जिले के 148 गांव शामिल हैं। इस संबंध में द्वितीय चरण में 6 नये थानों एवं 20 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों का गठन प्रस्तावित किया गया है। रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों का सीमा विस्तार करते हुए कुल 1800 राजस्व पुलिस ग्रामों को नियमित पुलिस व्यवस्था के अन्तर्गत अधिसूचित किया गया है । 1800 गांवों में पुलिस व्यवस्था स्थापित होने से उम्मीद की जा रही है कि अपराध एवं असामाजिक गतिविधियों में कमी आयेगी नये थाने चौकियों के गठन के अन्तर्गत लगभग 1444 राजस्व ग्राम नियमित पुलिस व्यवस्था के अन्तर्गत अधिसूचित किये जाने की कार्यवाही शीघ्र ही पूर्ण कर ली जायेगी ।
गंभीर अपराधों की जांच के लिए सशक्त माध्यम नही
बताते चले कि पटवारियों के पास गंभीर अपराधों की जांच के लिए सशक्त माध्यम नही है । राजस्व अधिकारियों को बलात्कार, हत्या, डकैती आदि सहित अपराध स्थल, जांच, फॉरेंसिक, पूछताछ, पहचान, यौन और गंभीर अपराधों को संभालने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया जाता, ये काम केवल ट्रेंड पुलिस अधिकारियों द्वारा ही किया जा सकता है । इसी को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है।