एंटीवायरल टैबलेट मोलनुपिरावीर को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन-CDSCO द्वारा भारत में आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है। जानकारी के लिए बता दें कि ये टैबलेट कोविड-19 के इलाज में उपयोगी है।मंजूरी मिलने के बाद इसे सोमवार को लॉन्च कर दिया गया है। CDSCO ने कोवोवैक्स और कॉर्बेवैक्स को भी मंजूरी दी है।
मोलनुपिरावीर
इस टैबलेट का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह से कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जाता है।चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि ये टैबलेट वायरस को शरीर में फैलने से रोकती है और जल्दी रिकवर होने में मदद करती है।
दवा की कीमत
इस दवा की पूरे पांच दिन की कोर्स है, जिसकी कीमत 1399 रुपये है। पांच दिन के कोर्स को देखते हुए इसे इन दिनों में डिवाइड किया जाए तो एक टैबलेट की कीमत 35 रुपये पड़ती है। इस तरह से इसे सबसे सस्ती एंटी वायरल टैबलेट बताया जा रहा है।
कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए है यह दवा
मीडिया रिपोर्टस का कहना है कि इस दवा का इस्तेमाल उन मरीजों के लिए किया जाएगा, जो गंभीर कोरोना के शिकार हैं और अस्पताल में भर्ती हों।
डॉक्टर की पर्ची की आवश्यक
मोलनुपिरावीर को खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची जरूरी है। मोलनुपिरावीर के आपातकालीन उपयोग को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है, इसलिए बिना डॉक्टर की पर्ची के आप इस दवा का सामान्य उपयोग नहीं कर सकते। यानि आप खुद से इस दवा को नहीं खरीद सकते और न ही उपयोग कर सकते, क्योंकि बिना डॉक्टरी सलाह के इस दवा का खुद से उपयोग आपके लिए घातक हो सकता है।
भारत में मोलनुपिरावीर
मनसुख मंडाविया (केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री) ने बताया कि भारत की लगभग 13 दवा निर्माता कंपनियां घरेलू स्तर पर मोलनुपिरावीर बनाएंगी। इन कंपनियों में सिप्ला, नैटको फॉर्मा, डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज,हेटेरो, स्ट्राइड्स, हेटेरो और ऑप्टिमस फार्मा प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
अमेरिका में बनी है दवा
अमेरिका के जॉर्जिया स्थित इमॉरी यूनिवर्सिटी में इस दवा को तैयार किया गया था।मोलनुपिरावीर को इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए अमेरिका में उपयोग में लाया जा रहा था।बाद में इस दवा को नवंबर 2021 में ब्रिटेन ने और 2021 के आखिरी महीने में अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस दवा को मान्यता दी थी। भारत में 28 दिसंबर को DGCI-ड्रग कन्ट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इस दवा के इमरजेंसी उपयोग को मान्यता दे दी। सोमवार को इसे भारत में लॉन्च किया गया।