नैनीताल: सरकारी नौकरी से वंचित नहीं रह सकती गर्भवती महिलाएं, हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

नैनीताल से जुड़ी खबर सामने आई है। नैनीताल हाईकोर्ट ने एक मामले में अहम फैसला लिया है और उस नियम को रद्द कर दिया, जो गर्भवती महिलाओं को सरकारी नौकरियों से वंचित करते हैं और उपयुक्त नहीं मानते हैं।

हाईकोर्ट का फैसला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए इस नियम को रद्द कर दिया। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा, ‘मातृत्व कुदरत का वरदान और आशीर्वाद है, इसके कारण महिलाओं को रोजगार से वंचित नहीं किया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने यह फैसला मिशा उपाध्याय द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई में दिया, जिसे गर्भावस्था के कारण नैनीताल के बी.डी. पांडे अस्पताल में नर्सिंग अधिकारी के पद से वंचित कर दिया गया था। साथ ही महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि 13 सप्ताह की गर्भवती याचिकाकर्ता को नर्सिंग अधिकारी पद पर तत्काल ज्वाइनिंग कराएं।

याचिकाकर्ता ने खटखटाया अदालत का दरवाजा

रिपोर्ट्स के मुताबिक याचिकाकर्ता मिशा उपाध्याय  को बीते 23 जनवरी को डीजी हेल्थ की ओर से नियुक्ति पत्र जारी किया गया था। वहीं बीडी पांडे अस्पताल प्रबंधन ने उसे नर्सिंग अधिकारी के रूप में ज्वाइनिंग कराने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि वह 13 सप्ताह से गर्भवती हैं। बीते 23 जनवरी को डीजी हेल्थ की ओर से उन्हें नियुक्ति पत्र जारी किया गया था। इस मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।