10 जनवरी: साल की पहली सकंष्टी चतुर्थी आज, संतानों को संकटों से मुक्ति दिलाता है व्रत, जानें शुभ मुहूर्त

आज 10 जनवरी 2023 है। आज संकट का व्रत है। मंगलवार को पड़ने के कारण इसे अंगारकी चतुर्थी और लंबोदर संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत हर वर्ष माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार साल के पहले महीने यानी जनवरी में यह त्योहार मनाया जाता है। सकट चौथ व्रत को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। सकट चौथ को तिलकुटा चौथ, तिल चौथ,माघी चौथ, संकष्टी चतुर्थी, लंबोदर चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

भगवान गणेशजी को समर्पित होता है संकट चौथ व्रत

सनातन धर्म में विशेष रूप से चतुर्थी तिथि श्री गणेशजी की पूजा-उपासना के लिए समर्पित होती है। शुक्लपक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायक और कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इसलिए प्रत्येक मास की दोनों ही चतुर्थी गणपति पूजन के लिए उत्तम हैं। माघ महीने की सकट चौथ व्रत मुख्य रूप से महिलाएं संतान की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के संकट खत्म हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

जानें कथा

पौराणिक मान्यताओं अनुसार सकट चौथ के दिन भगवान गणेश पर सबसे बड़ा संकट आकर टला था, इसलिए इस दिन का नाम सकट चौथ पड़ा है। कथा के अनुसार एक दिन मां पार्वती स्नान करने के लिए जा रही थी। तब उन्होंने अपने पुत्र गणेश को दरवाजे के बाहर पहरा देने का आदेश दिया और बोली कि जबतक मैं स्नान करके ना लौटी किसी को भी अंदर मत आने देना। भगवान गणेश भी मां की आज्ञा का पालन करते हुए बाहर खड़े होकर पहरा देने लगे। ठीक उसी वक्त भगवान शिव अंदर आने की कोशिश करने लगे। परंतु गणेश जी ने भगवान शिव को रोक दिया। ये देखकर भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेश जी की गर्दन धड़ से अलग कर दी। अपने पुत्र गणेश की आवाज सुनते ही माता पार्वती भागती हुई बाहर आईं, पुत्र गणेश की कटी हुई गर्दन देख वो विलाप करने लगीं और शिव जी से अपने बेटे के प्राण वापस लाने की गुहार की। शिव जी ने माता पार्वती की आज्ञा मानते हुए, गणेश जी पर एक हाथी के बच्चे का सिर लगाकर उन्हें पुनः जीवन दान दे दिया।‌इस बात से खुश होकर माता पार्वती ने कहा कि इस दिन जो भी माता अपनी संतान के लिए व्रत रखेंगी भगवान गणेश की कृपा से उसकी संतान को दीर्घायु मिलेगी। कहा जाता है वह दिन माघ माह की चतुर्थी का था । तभी से माताएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखने लगी।

जानें शुभ मुहूर्त

सकट चौथ तिथि: 10 जनवरी, 2023, मंगलवार है।
चतुर्थी तिथि का आरंभ: 10 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से शुरू हो रहा है।
चतुर्थी तिथि की समाप्ति: 10 जनवरी को दोपहर 02 बजकर 35 मिनट पर होगी।
चंद्रोदय का समय: रात 08 बजकर 41 मिनट पर है।