उत्तराखंड से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ व दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी एवी प्रेमनाथ को राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शीर्ष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में अंतरिम कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी है। वहीं जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और पंकज मिथल की पीठ ने उत्तराखंड सरकार, केंद्रीय जांच ब्यूरो और अन्य को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
कोर्ट में दी यह दलील
रिपोट्स के मुताबिक याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दामा शेषाद्री ने न्यायालय को बताया कि मेडिकल अधिकारी, गवर्नमेंट हॉस्पिटल, रानीखेत की रिपोर्ट पर अल्मोड़ा के रिमांड मजिस्ट्रेट का भी हस्ताक्षर है, जिससे यह जाहिर होता है कि याचिकाकर्ता हाथों से 100 प्रतिशत दिव्यांग है। इस दलील पर पीठ ने कहा, ”यह रिपोर्ट उस वक्त तैयार की गई, जब याचिकाकार्ता को गिरफ्तार किया गया और मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने से पहले मेडिकल जांच कराई गई।” जिस पर न्यायालय ने कहा, ”चूंकि, याचिका गंभीर सवाल उठाता है, इसलिए नोटिस जारी किया जाए, जिसका जवाब चार हफ्तों के अंदर देना होगा।
नाबालिग से की थी छेड़छाड़
दरअसल पुलिस ने दावा किया था कि आरोपी ने डंडाकांडा गांव में अपनी पत्नी के एनजीओ ‘प्लेजर वैली फाउंडेशन’ द्वारा चलाए जा रहे एक स्कूल में नाबालिग से छेड़छाड़ की थी।