कनाडा में हुए गैंगवार में मारे गए सुखदुल सिंह उर्फ सुक्खा उत्तराखंड में भी था वांछित, मर्डर केस में थी पुलिस को तलाश

उत्तराखंड। कनाडा के विनिपेग शहर में मारा गया गैंगस्टर सुखदुल सिंह उर्फ सुक्खा उत्तराखंड में स्टोन क्रशर स्वामी महल सिंह की हत्या में  वांछित था। सुक्खा ने ही महल सिंह की हत्या के लिए शूटरों का इंतजाम किया था।
पुलिस द्वारा सुक्खा समेत दस आरोपियों के खिलाफ जनवरी में कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई थी। सुक्खा समेत चार आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से स्टैंडिग वारंट चल रहे हैं।
काशीपुर के जुड़का निवासी महल सिंह की 13 अक्तूबर 2022 को शूटरों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। गोली लगने के बाद महल कातिलों के पीछे भागे, लेकिन दौड़ते-दौड़ते ही रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया था। उनके भतीजे कर्मपाल सिंह ने कनाडा में रह रहे एनआरआई हरजीत सिंह काला के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
हरजीत मूलरूप से काशीपुर का रहने वाला है। बाद में पुलिस ने मामले की पड़ताल की तो पता चला कि हत्या सुपारी देकर कराई गई थी। इसके बाद पुलिस ने चार्जशीट में हरजीत सिंह और उसके बेटे तनवीर समेत दस नाम और जोड़े। इसमें कनाडा में रह रहे सुखदुल सिंह उर्फ सुक्खा, आतंकी अर्शदीप डल्ला और काशीपूर के प्रभुजोत सिंह, गुरजंट सिंह उर्फ जंटा, सुखदेव सिंह सेबी और रजविंदर के अलावा पंजाब निवासी दो शूटर साधू सिंह व मनप्रीत सिंह चहल शामिल थे।

13 जनवरी 2023 में इन सबके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की गयी थी। कोर्ट ने सभी प्रवासी आरोपियों के खिलाफ स्टैंडिंग वारंट जारी किए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई छह अक्तूबर को होनी है।

महलसिंह हत्याकांड में सुक्खा ने उपलब्ध कराए थे शूटर

महलसिंह  हत्याकांड में शूटरों साधु सिंह व मनप्रीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद काशीपुर पुलिस ने पंजाब जाकर पूछताछ की तो आरोपियों की रिमांड शीट में कनाडा के गैंगेस्टरों से उनके संबंधों का खुलासा हुआ।

एनआईए के 43 वांछितों की सूची में शामिल था, सुखदुल सिंह उर्फ सुक्खा

सुखदुल सिंह उर्फ सुक्खा एनआईए के 43 वांछितों की जारी सूची में भी शामिल था। एनआईए ने 20 सितंबर को ही उसकी सूची जारी की थी। दविंदर बंबीहा के गिरोह से जुड़े सुक्खा की बुधवार रात कनाडा में हत्या कर दी गई। गैंगवार में 15 राउंड गोलियां चलाई गईं, जिसमें वह मारा गया। उसके आतंकी अर्शदीप डल्ला से भी संबंध थे। सुक्खा वर्ष 2017 में जाली कागजों के सहारे कनाडा भाग गया था।