सिक्किम में बाढ़ से मची भारी तबाही, 23 सेना के जवान व 43 लोगों के लापता होने की खबर, तलाश अभियान जारी

देश-दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू कराते रहते है। एक ऐसी खबर हम आपके सामने लाए हैं। सिक्किम में बाढ़ आने से भयानक मंजर पैदा हो गया है।

लापता लोगों की तलाश जारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने से भारी तबाही मची हुई है। इस बाढ़ ने ना सिर्फ 3 लोगों की जान ली, बल्कि सेना के 23 जवान व 43 लोग लापता हो गए हैं। जिनकी तलाश अभी भी जारी है।

ग्लेशियल लेक के ऊपर फटा बादल

रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तरी सिक्किम में जिला है मंगन। मंगन का ऊंचाई वाला इलाका है चुंगथांग। चुंगथांग के हिमालय में बना है साउथ ल्होनक लेक। यह एक झील है जो ल्होनक ग्लेशियर पर बनी है. यानी यह एक ग्लेशियल लेक है। इसी ग्लेशियल लेक के ऊपर बादल फटे। तेज गति से पानी गिरा। तेज बहाव और दबाव से लेक की दीवारें टूट गईं। ऊंचाई पर होने की वजह से पानी तेजी से निचले इलाकों में बहकर गया। जिसके बाद तीस्ता नदी उफान पर आ गई। यह ग्लेशियर 17,100 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है। करीब 260 फीट गहरी। साथ ही 1.98 किलोमीटर लंबी और आधा किलोमीटर चौड़ी है।

पहले से थि खतरा

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस झील को ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) के प्रति बेहद संवेदनशील बताया गया था। इस झील का क्षेत्रफल लगातार बढ़ता जा रहा था। क्योंकि ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से ल्होनक ग्लेशियर पिघलता जा रहा है। पिघलते ग्लेशियर से निकला पानी इसी झील में जमा हो रहा था।‌4 अक्टूबर को जब इसके ऊपर बादल फटा तो झील की दीवारें टूट गईं। इससे भारी तबाही मची।